मुंबई। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना मनसे के संस्थापक और अध्यक्ष राज ठाकरे ने बीते रविवार को चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि महाराष्ट्र की मतदाता सूची में लगभग 96 लाख फर्जी मतदाताओं के नाम शामिल किए गए हैं। राज ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति अपनी असहमति भी दोहराई। उनकी टिप्पणी भारतीय जनता पार्टी और उसके गठबंधन सहयोगियों, जिनमें एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) शामिल हैं, पर लक्षित थी। राज ठाकरे ने चुनाव आयोग से मतदाता सूचियों को शुद्ध करने और राज्य में आगामी स्थानीय निकाय चुनावों को तब तक स्थगित करने का आह्वान किया जब तक कि इस सुधार को सभी संबंधित राजनीतिक दलों की स्वीकृति नहीं मिल जाती। मुंबई के गोरेगांव में मनसे के बूथ-स्तरीय कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने हेरफेर वाले चुनावों को मतदाताओं का सबसे बड़ा अपमान बताया। मनसे प्रमुख ने कहा कि छेड़छाड़ की गई मतदाता सूचियों के साथ चुनाव कराने से जनता की भागीदारी की परवाह किए बिना परिणाम पूर्व निर्धारित हो जाते हैं, उन्होंने इसे एक तयशुदा राजनीतिक मुकाबले जैसा बताया।
राज ठाकरे ने पूछा कि जब मामला चुनाव आयोग से जुड़ा था तो सत्ताधारी दल इसमें हस्तक्षेप क्यों कर रहे थे, यह सुझाव देते हुए कि यह बात उन्हें इसलिए चुभ गई क्योंकि उन्हें अंतर्निहित हेरफेर के बारे में पता था। राज ठाकरे ने तर्क दिया कि क्षेत्रीय राजनीतिक संगठनों को हाशिए पर धकेलने की कोशिशें चल रही हैं। उन्होंने खुलासा किया कि उन्हें आगामी स्थानीय निकाय चुनावों से पहले मतदाता सूची में 96 लाख फर्जी प्रविष्टियां जोड़े जाने का पता चला है, जो कथित तौर पर 2024 के विधानसभा चुनावों से पहले भी अपनाई गई एक रणनीति है।
राज ठाकरे ने कहा कि मुंबई में आठ से दस लाख फर्जी मतदाताओं को शामिल किया गया है, जबकि ठाणे, पुणे और नासिक में भी लगभग इतनी ही संख्या 8 से 8.5 लाख के बीच है। उन्होंने कहा कि चुनावी गणित बुनियादी तौर पर गलत था, और कुछ दलों के सीटें हासिल करने में विफल रहने की आलोचना को खारिज कर दिया, क्योंकि यह व्यापक रूप से समझा जा रहा था कि ये जीत कैसे हासिल की गई थीं। हाल के विधानसभा चुनावों पर विचार करते हुए, राज ठाकरे ने कहा कि महायुति गठबंधन के 232 विधायकों के चुनाव ने महाराष्ट्र को अविश्वास की स्थिति में डाल दिया है, मतदाता और विजेता दोनों ही आश्चर्यचकित हैं।
राज ठाकरे ने संकेत दिया कि राष्ट्रीय चुनावों में अपनाए जाने वाले तरीके अब सभी के लिए पारदर्शी हैं। जनसभा में राज ठाकरे ने प्रधानमंत्री मोदी का एक पुराना वीडियो दिखाया, जो विपक्षी दल के कार्यकाल के दौरान का है। इस वीडियो में मोदी ने चुनाव आयोग पर पक्षपात का आरोप लगाया था। राज ठाकरे ने कहा कि भाजपा ने सत्ता में न रहते हुए भी ऐसी ही शिकायतें की थीं, जिससे पार्टी के वर्तमान नेतृत्व की आलोचना हुई थी। उन्होंने जोर देकर कहा कि मतदाता सूचियों में विसंगतियां एक पुराना मुद्दा है, जिसे उन्होंने 2016-17 में ही इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों और मतदाता सूचियों से संबंधित बताया था। ये आरोप स्थानीय चुनावों की तैयारियों के तेज होने के साथ ही सामने आ रहे हैं, जिससे महाराष्ट्र में चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता को लेकर आशंकाएं बढ़ रही हैं। राज ठाकरे के दावों पर चुनाव आयोग ने अभी तक कोई बयान जारी नहीं किया है।
प्रस्तुति: एपी भारती (पत्रकार, संपादक पीपुल्स फ्रैंड, रुद्रपुर, उत्तराखंड)
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