रुद्रपुर (ऊधम सिंह नगर) उत्तराखंड, 28 सितंबर 2025। 11 साल के मोदी राज में भारत बेरोजगारी, बदहाली, महंगाई और भ्रष्टाचार के शिखर पर है। प्रेस फ्रीडम इंडेक्स में 151वें और हंगर इंडेक्स में 105वें नंबर पर है। 10 प्रतिशत ऊपर के लोगों के पास देश की कुल संपत्ति का 50 फीसदी और बकाया 90 प्रतिशत जनता के हिस्से में 50 फीसदी संपत्ति आती है। असमानता अपने चरम पर है। सेंटर फॉर स्ट्रगलिंग ट्रेड यूनियंस (सीएसटीयू) की जानिब से शहीद-ए-आजम भगत सिंह के जन्म दिवस पर कल्याणी व्यू/रवींद्र नगर में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। भगत सिंह और उनके अन्य क्रांतिकारी साथियों की क्रांतिकारी विरासत और आज के हालात पर चर्चा हुई। आयोजन स्थल पर भगत सिंह के विचारों की एक पोस्टर प्रदर्शनी और क्रांतिकारी साहित्य की प्रदर्शनी भी लगाई गई और ऐ भगत सिंह तू जिंदा है हर एक लहू के कतरे में! पर्चे का वितरण किया गया।
भगत सिंह के जन्म दिन पर सभा का आयोजन शहर के भगतसिंह पार्क में वर्षों से भगत सिंह की मूर्ति न लगाने और वहाँ कार्यक्रमों पर रोक लगाने पर रोष प्रकट किया गया और पूर्व की भांति शहीद भगत सिंह की मूर्ति लगाने और पार्क का ताला खोलकर उसे सार्वजनिक कार्यक्रमों के लिए सुलभ बनाने की माँग की गई।
वक्ताओं ने कहा कि इतिहास के किताबों में वह नहीं पढ़ाया जाता है, जो क्रांतिकारियों की सोच, शानदार संघर्ष और महान कुर्बानियों में था। सत्ताधारी आज ऐतिहासिक विरासत, संघर्षों और प्रतीकों को नष्ट करने की मुहिम चला रहे हैं। फासीवादी ताकतें धर्म-जाति के नाम पर मेहनतकश को नफरत की आग में झोंककर अंबानियों-अडानियों को मुनाफा पहुंचा रही हैं। पूँजीवादी लूट, दमन, नफरत और झूठ-फ्राड भरे विचारों की पूरी आँधी बह रही है, ताकि मुनाफाखोरों के हित में मेहनतकश जनता की विरासत को पूरी तरह से मिटाया जा सके।
वक्ताओं ने कहा कि जिस आजादी का ख्वाब भगत सिंह और उनके साथियों ने देखा था वह आज भी अधूरा है। 1990 के बाद देश में खुली लूट का उदारवादी दौर शुरू हुआ और जनता को मिले अधिकार भी छिनते गए। पिछले एक दशक से मोदी सरकार के राज में देश की 90 फीसदी आबादी के लिए केवल तबाही मची हुई है। श्रम कानूनी अधिकारों को खत्म करके मालिकों के हित में चार श्रम संहिताएं लागू हो रही हैं। देश की संपत्तियाँ तेजी से बिक रही हैं। बुलडोजर राज चल रहा है और गरीबों के घर-रोजगार ध्वस्त हो रहे हैं। ठेका प्रथा का चौतरफा बोलबाला है। मालिकों की मनमर्जी है और फोकट में मजदूरी कराने का धंधा है। देश की 92 फीसदी आबादी असंगठित क्षेत्र में है। तमाम युवा घरों में सामान डिलीवरी करने या टैक्सी चलाने वाले ऑनलाइन ड्राइवर आदि के रूप में गिग और प्लेटफार्म वर्कर है। ना कोई सामाजिक सुरक्षा है न हीं रोजगार की कोई गारंटी है। महंगाई और बेरोजगारी बेलगाम है।
वक्ताओं ने कहा कि आज भगत सिंह और ऐसे तमाम तमाम क्रांतिकारियों के अधूरे सपने को पूरा करने का कार्यभार हमारे सामने है। एक ऐसे आजाद भारत की लड़ाई जहां पर इंसान को इंसान समझा जा सके, जहां हर मजदूर का हकूक मिल सके, जहां गैर बराबरी ना हो। नफरत की जगह प्यार, इंसाफ और बराबरी का हक मिले, सच्ची आजादी और सम्मानजनक जीवन मिले।
सभा में सीएसटीयू के केंद्रीय महासचिव मुकुल, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन से शिवदेव सिंह, इंकलाबी मजदूर केंद्र से फिरोज खान, भाकपा माले से ललित मटियाली, समता सैनिक दल से गोपाल गौतम, एडिएंट कर्मकार यूनियन से गंगा सिंह, एडविक कर्मचारी संगठन से विकल, एलजीबी वर्कर्स यूनियन से गोबिंद सिंह, भगवती श्रमिक संगठन से लोकेश पाठक, नेस्ले कर्मचारी संगठन से संजय नेगी, बजाज ऑटो संगठन से अतुल त्रिपाठी, आनंद निशिकावा इंप्लाइज यूनिया से गंगा सिंह, डेल्टा एम्प्लाइज यूनियन से पूरन बिष्ट, रॉकेट रिद्धि सिद्धि कर्मचारी संगठन से महबूब आलम, परफेटी मजदूर संघ से अमित, शंभू शर्मा आदि संगठनों के नेता एवं अनेक मजदूर साथी उपस्थित रहे। सभा का संचालन धीरज जोशी ने किया।
जारीकर्ता सेंटर फॉर स्ट्रगलिंग ट्रेड यूनियंस उत्तराखंड, धीरज जोशी (प्रदेश माहसचिव) मो. 9058836192 शंभू शर्मा (प्रदेश अध्यक्ष) मो. 9719962485
प्रस्तुति: एपी भारती (पत्रकार, संपादक पीपुल्स फ्रैंड, रुद्रपुर, उत्तराखंड व्हाट्सऐप 9411175848)
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