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भैया जी में देसी एक्शन हीरो बने मनोज बाजपेयी, 100वीं फिल्म में होगी उत्तर भारतीय संस्कृति, 24 मई को होगी रिलीज Manoj Bajpayee became a desi action hero in Bhaiyya Ji, North Indian culture will be there in his 100th film, to be released on 24th May

नई दिल्ली। 24 मई को रिलीज होने वाली अपनी 100वीं फिल्म भैया जी प्रचार-प्रसार में लगे जाने माने बालीवुड अभिनेता मनोज बाजपेयी ने बताया कि लंबे समय के बाद, उत्तर भारत के लोगों को स्क्रीन पर उनका प्रतिनिधित्व, उनकी संस्कृति और अपनापन देखने को मिलेगा। पद्मश्री सम्मान प्राप्त मनोज बाजपेयी बिहार के हैं। समाचार एजेंसी आईएएनएस से मनोज ने कहा, ये वो किरदार हैं, जिन्हें लोगों ने कई बार देखा है। ये उत्तर भारत क्षेत्र से संबंधित किरदार हैं। यह संस्कृति कई सालों से प्रदर्शित हो रही है, लेकिन हां, दो दशक का अंतराल रहा है, हमने शहरी कहानियों पर ज्यादा ध्यान दिया है। ये कहानियां और किरदार कहीं पीछे छूट गए थे।



मनोज बाजपेयी ने आगे कहा, हम सभी बहुत उत्साहित हैं कि एक लंबे अंतराल के बाद, उत्तर भारत के लोगों को स्क्रीन पर उनका प्रतिनिधित्व, उनकी संस्कृति, जिस रिश्ते से वे बहुत परिचित हैं, वह अपनापन देखने को मिलेगा। भैया जी में हमारी मिट्टी की खुशबू है। जब आप पूरे मन से फिल्म बनाते हैं तो वह स्क्रीन पर भी दिखाई देती है। हमने इसको पूरे गर्व के साथ बनाया है। 1994 की एक्शन ड्रामा द्रोहकाल में एक मिनट की भूमिका और शेखर कपूर की बैंडिट क्वीन में एक डाकू की छोटी भूमिका के साथ अपने फिल्मी करियर की शुरुआत करने वाले बाजपेयी ने बताया कि उन्हें इस बात की जानकारी भी नहीं थी कि उन्होंने अब तक 99 फिल्में पूरी कर ली हैं। पिछली बार मनोज साइलेंस 2 में नजर आए थे।

भैया जी उनकी 100वीं फिल्म होने पर, मनोज ने कहा, जब हम लखनऊ में शूटिंग कर रहे थे तो निर्देशक अपूर्व सिंह कार्की मेरे पास आए और उन्होंने मुझसे कहा कि यह मेरी 100वीं फिल्म होगी। मैं सरप्राइज हो गया। जब आप पीछे मुड़कर देखते हैं, तो आप पाते हैं कि यह यात्रा कभी भी आसान नहीं थी। लेकिन, भगवान की कृपा बनी रही है। उन्होंने मुझे कुछ असफलताएं दिखाई हैं, उन्होंने मुझे आगे बढ़ने के लिए काफी सकारात्मकता और ताकत भी दी है।

मैंने यह तय नहीं किया था कि भैया जी मेरी 100वीं फिल्म होगी। यह सिर्फ नियति का खेल है और मुझे खुशी है कि यह मेरी 100वीं फिल्म है। बचपन में मुझे 70 के दशक की सभी फिल्में अच्छी लगती थीं। और वे फिल्में ही हैं जिन्होंने मुझे एक्टर बनने के लिए प्रेरित किया। फिल्म में मनोज को रॉबिनहुड की इमेज में दिखाया गया है। बॉलीवुड के सलमान खान ने 2010 में रिलीज हुई एक्शन कॉमेडी दबंग में इंस्पेक्टर चुलबुल पांडे की भूमिका निभाई थी और फिल्म में खुद को रॉबिनहुड पांडे कहा था।

क्या भैया जी सलमान की रॉबिनहुड इमेज को तोड़ पाएंगे, इस पर मनोज ने कहा, सलमान, शाहरुख और आमिर बहुत बड़े स्टार हैं। उनका नाम भी यहां न लाएं। हमने एक बहुत अच्छी फिल्म बनाने की कोशिश की। मुझे पता है कि हमारे हाथ में एक बहुत अच्छी फिल्म है, क्योंकि मैंने फिल्म देखी है, और मैं बस उम्मीद करता हूं और प्रार्थना करता हूं कि जो लोग सिनेमाघरों में जाएं, फिल्म देखें और भैया जी का लुत्फ उठाएं। इस भूमिका को निभाने के दौरान उन्हें जिन खास तैयारियों और चुनौतियों का सामना करना पड़ा, उनके बारे में मनोज ने कहा कि कोई भी किरदार आसानी से नहीं मिलता है।

मनोज बाजपेयी बोले कि इसके लिए कड़ी मेहनत की जरूरत है। मेरे लिए एक्शन के लिए फिट होना, और इसे उस तरह से करना जिस तरह से एक्शन निर्देशक मुझसे कराना चाहते थे, इसके लिए बहुत ज्यादा फिजिकल फिटनेस की जरूरत थी। मेरे एक्शन डायरेक्टर मेरी प्रेरणा थे। जो भी वह मुझसे करवाना चाहते थे, वह जो भी मुझे हासिल करवाना चाहते थे, मैंने बस उसके निर्देशों का पालन किया। हाल ही में इससे पहले मनोज बाजपेयी ने कहा था कि जब एक्टिंग शुरु की थी तब नहीं लगा था कि 10 फिल्में भी कर पाऊंगा।

बीते गुरुवार को मुंबई के अंधेरी इलाके में फिल्म के ट्रेलर लॉन्च पर मीडिया से बातचीत के दौरान यह बात कहीं। उन्होंने बताया कि वह खुद को बहुत भाग्यशाली मानते हैं कि आज इस मुकाम पर पहुंचे हैं। मनोज बाजपेयी ने बताया कि कई कलाकार हर दिन कड़ी मेहनत करते हैं लेकिन यह दर्शकों का प्यार है जिसने उन्हें एक अभिनेता के रूप में अपनी पसंद की कहानियां बताने की अनुमति दी है और सशक्त बनाया है। उन्होंने कहा, मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं 10 से ज्यादा फिल्में करूंगा, लेकिन जिंदगी मेहरबान रही कि मैं अपनी 100वीं फिल्म के साथ यहां हूं। ऐसा नहीं है कि मैं अकेला कड़ी मेहनत करता हूं, सभी कलाकार रोजाना कड़ी मेहनत करते हैं, लेकिन यह भगवान और दर्शकों की वजह से है कि मैं इस मुकाम तक पहुंचा हूं।

मनोज बाजपेयी का सिनेमाई सफर काफी नाटकीय रहा है। नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के लिए प्रयास करने के बाद जब उन्हें संस्थान में दाखिला नहीं मिला तो उन्होंने बैरी जॉन से अभिनय सीखा। मनोज थिएटर के दिनों से ही बॉलीवुड मेगास्टार शाहरुख खान के अच्छे दोस्त रहे हैं क्योंकि बैरी जॉन उन दोनों के ही गुरु थे।

मनोज बाजपेयी ने दश्यु सुंदरी फूलन देवी पर आधारित शेखर कपूर की फिल्म बैंडिट क्वीन से सिनेमा में कदम रखा था। यह 30 साल पहले की बात है। इस फिल्म में उन्होंने एक छोटी सी भूमिका निभाई थी। इसके बाद राम गोपाल वर्मा का ध्यान उन पर गया, जिन्होंने अंततः उन्हें सत्या में भीकू म्हात्रे के रूप में लिया। यह एक ऐसी फिल्म है जिसने हिंदी सिनेमा में कहानी कहने की शैली को पूरी तरह बदल दिया और स्वतंत्र फिल्मों की प्रगति को गति दी।

मनोज बाजपेयी अपने 30 साल के करियर के साथ भैया जी में एक देसी एक्शन हीरो की भूमिका निभा रहे हैं। भानुशाली स्टूडियोज लिमिटेड, एसएसओ प्रोडक्शंस और ऑरेगा स्टूडियोज प्रोडक्शन के बैनर तले विनोद भानुशाली, कमलेश भानुशाली, समीक्षा ओसवाल, शैल ओसवाल, शबाना रजा बाजपेयी और विक्रम खाखर द्वारा निर्मित यह फिल्म 24 मई को रिलीज होगी। फिल्म में जोया हुसैन, विपिन शर्मा और जतिन गोस्वामी आदि अनेक कलाकार हैं।


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