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नेतन्याहू को इस्राइली सुप्रीम कोर्ट का झटका, विवादित कानून किया खारिज, दो तिहाई जनता नेतन्याहू को कर रही नापसंद Israeli Supreme Court shocks Benjamin Netanyahu, controversial law rejected, two-thirds of the public dislikes Netanyahu



तेल अवीव। हमास के हमले के बहाने बेजामिन नेतन्याहू ने फिलिस्तीन को तबाह कर दिया और करीब 25000 लोग मार डाले। परिवार सहित भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों में घिरे नेतन्याहू की खुद को बचाने की सारी कोशिशें नाकाम साबित हो रही हैं। जनता पहले भी उनके खिलाफ प्रदर्शन कर रही थी अब भी कर रही है। अब सुप्रीम कोर्ट ने भी उन्हें जोर का झटका दिया है। इजराइल के सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की सरकार द्वारा पारित विवादित कानून को खारिज कर दिया है। इस कानून से कोर्ट की शक्तियां कम कर दी गयी थी और कानून के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन हुआ था। 2023 में नेतन्याहू सरकार द्वारा पारित कानून को पलटने का सुप्रीम कोर्ट का फैसला महीनों की उथल-पुथल के बाद आया है। जुलाई 2023 में, सरकार ने कानून पारित किया था जिसे आलोचकों ने देश की न्यायिक प्रणाली कमजोर करने वाला बताया था।

नेतन्याहू इस कानून के जरिये न्यायपालिका को अपने अधीन करना चाहते थे, इसके खिलाफ जनता, सरकारी अधिकारी, कर्मचारी, फौज और न्यायपालिका के लोग भी सड़कों पर उतरे थे। नए कानून ने इजराइल में अनुचित माने जाने वाले सरकारी फैसलों को रद्द करने की सर्वोच्च न्यायालय और निचली अदालतों की शक्ति को हटा दिया था।

सुप्रीम कोर्ट के सोमवार के बयान में कहा गया है कि 15 में से 8 जजों ने कानून के खिलाफ फैसला सुनाया और कहा कि इससे एक लोकतांत्रिक देश के रूप में इजराइल की बुनियादी विशेषताओं को गंभीर और अभूतपूर्व नुकसान होगा।

नेतन्याहू ने तर्क दिया कि न्यायाधीशों और राजनेताओं के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए बदलाव आवश्यक हैं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से उनकी सरकार में विश्वास कम होने का खतरा है। कोर्ट पिछले दिनों नेतन्याहू के लिए एक और संकट बढ़ा चुका है। उन पर भ्रष्टाचार के मामलों पर सुनवाई चल रही थी जो अक्टूबर में फिलिस्तीन पर कार्रवाई शुरु होने के बाद रुक गई। पिछले दिनों उसे फिर से शुरु करने के कोर्ट ने आदेश दिए। नेतन्याहू के वकील ने तर्क दिया कि वे पीएम युद्ध में व्यवस्त हैं, ऐसे में वे मुकदमे की तैयारी नहीं कर पाएंगे, इस पर कोर्ट ने कहा कि युद्ध में पीएम का कोई काम नहीं। सेना, युद्ध से संबंधित मंत्री और कमेटी वह काम देख रही है। इसलिए मुकदमा जारी रखा जाना चाहिए। 

मालूम हो कि इस्राइल में जनता लगातार नेतन्याहू को पद से हटाने की मांग कर रही है। सर्वे में करीब 2 तिहाई लोगों ने नेतन्याहू के खिलाफ मत दिया। हमास के कथित हमले में जिन लोगों के परिजन मारे गये या बंधक बना लिए गये, उनके परिवार भी नेतन्याहू को प्रधानमंत्री नहीं देखना चाहते। मीडिया भी लगातार नेतन्याहू की आलोचना कर रहा है। 


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