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प्रवासी भारतीयों ने सबसे ज्यादा पैसा भारत भेजा, विदेश से धन पाने में भारत अव्वल लेकिन भारत छोड़ रहे अमीर लोग Overseas Indians sent maximum money to India, India tops in getting money from abroad but rich people leaving India



नई दिल्ली। भारत 2022 में भी दुनिया भर में सबसे ज्यादा पैसा विदेशों से पाने वाला देश रहा। 2022 में जिन देशों को उनके प्रवासियों ने सबसे अधिक धन भेजा, उनमें से पांच ऐसे रहे जिनके यहां पिछले साल के मुकाबले कम धन आया। लेकिन भारत एक ऐसा देश था जिसमें ना सिर्फ सबसे ज्यादा धन आया बल्कि पिछले साल के मुकाबले उसमें वृद्धि भी हुई। विश्व बैंक की ओर से जारी अनुमान बताते हैं कि 2021 और 2022 के बीच कम और मध्यम आय वाले देशों में प्रवासियों द्वारा भेजे गये धन में आठ प्रतिशत की वृद्धि हुई। 2022 में प्रवासियों ने लगभग 647 अरब डॉलर अपने देशों को भेजे। 2021 में यह 599 अरब डॉलर था जबकि 2020 में 542 अरब डॉलर। 2021 में आयी 10.6 फीसदी की कमी के बाद यह बढ़ोतरी बहुत से देशों के लिए राहत की खबर है।

सर्वाधिक ज्यादा धन पाने वाले दस देशों में से पांच ऐसे थे, जिनके कुल भुगतान में 2021 के मुकाबले कमी आई, लेकिन भारत न केवल सबसे ज्यादा भुगतान पाने वाला देश था, बल्कि उसका भुगतान में सबसे ज्यादा, 19.6 फीसदी की वृद्धि भी हुई। भारत को कुल 111.2 अरब डॉलर मिले। प्रवासियों से सबसे ज्यादा धन पाने वालों में दूसरे नंबर पर मेक्सिको रहा, जिसके कुल भुगतान में 2021 के मुकाबले 11.5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई और उसे 61.1 अरब डॉलर मिले। इसी तरह ग्वाटेमाला ने भी 15.4 फीसदी की वृद्धि दर्ज की। वह 18.2 अरब डॉलर के भुगतान के साथ सूची में नौवें नंबर पर रहा।

चीन इस सूची में तीसरे नंबर पर है, लेकिन 2021 के मुकाबले उसके भुगतान में 3.9 फीसदी की कमी आई और चीनी प्रवासियों ने कुल 51 अरब डॉलर अपने देश अपने घर भेजे। फिलीपींस (38 अरब डॉलर), पाकिस्तान (29.9 अरब डॉलर), मिस्र (28.3 अरब डॉलर), बांग्लादेश (21.5 अरब डॉलर), नाइजीरिया (20.1 अरब डॉलर), ग्वाटेमाला (18.2 अरब डॉलर) और यूक्रेन (17.1 अरब डॉलर) अन्य देश हैं जहां सबसे ज्यादा धन भेजा गया।

मालूम हो कि भारतीय समुदाय दुनिया का सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय है और पिछले साल ही उसने चीन को पीछे छोड़ दिया था। पिछले कई साल से प्रवासियों की ओर से भेजे जा रहे धन में लगातार वृद्धि हो रही है। भारत का प्रवासी समुदाय दुनिया के लगभग हर देश में मौजूद हैं और भारत की अर्थव्यवस्था को सहयोग करते रहे हैं। विश्व बैंक के ताजा आंकड़े उन देशों की स्थिति भी बताते हैं जो प्रवासियों की ओर से आने वाले धन पर बहुत ज्यादा निर्भर हैं। इस मामले में ताजिकिस्तान सबसे ऊपर है, जिसकी जीडीपी का कुल 51 फीसदी प्रवासियों द्वारा भेजा गया धन था। टोंगा (जीडीपी का 44 फीसदी), लेबनान (36) और समोआ (34) भी इस सूची में सबसे ऊपर के देशों में हैं।

दुनिया में अनेक देश ऐसे भी हैं जिनके प्रवासियों ने 2021 के मुकाबले 2022 में कम धन स्वदेश भेजा। उदाहरण के लिए मिस्र के कुल भुगतान में 11 फीसदी की कमी दर्ज हुई. इसका मुख्य कारण यूक्रेन से आने वाले धन में कमी को माना जा रहा है, जहां के बहुत से कामगार काम छोड़कर सेना में भर्ती हो गये हैं। कई देशों को यूक्रेन युद्ध का लाभ भी पहुंचा है क्योंकि रूस में काम करने वाले उनके प्रवासियों ने पहले के मुकाबले ज्यादा धन वापस भेजा. इसकी एक वजह रूसी मुद्रा रूबल का कमजोर होना भी रही, जिसके कारण उनके भेजे धन की कीमत बढ़ गयी।

बुरी खबर यह भी है कि भारत के तमाम धन कुबेर विदेशों में बस रहे हैं। आने वाले समय में भारत की अर्थव्यवस्था इससे कमजोर होगी। पिछले कई वर्षों से ऐसी खबरें आई हैं जिनमें बताया गया है कि यहां भारत में कारोबार करने और जीने की स्थितियां लगातार खराब हो रही हैं। इस कारण कोई 30,000 लोग पहले ही भारत छोड़ चुके हैं और हजारों विदेश जाने की कतार में लगे हैं। इसके अलावा शिक्षा के मद में बहुत पैसा विदेश जा रहा है। भारत में विश्व विद्यालयों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों की हालत बेहद खराब होती जा रही है। शिक्षा लगातार महंगी हो रही है। ऐसे में बेहतर पढ़ाई के लिए अभिभावक और छात्र-छात्राएं विदेशों में अवसर तलाशते हैं। वहां माहौल बेहतर है और पढ़ाई के साथ काम के अवसर भी मिल जाते हैं।

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