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मणिपुर, पंजाब आदि में इंटरनेट पर रोक लगाने से 21,268 नौकरियां गईं, भारतीय अर्थव्यवस्था को 1.9 बिलियन डॉलर और विदेशी निवेश में लगभग 118 मिलियन डॉलर का नुकसान Internet shutdown in Manipur, Punjab etc cost 21,268 jobs, $1.9 billion to Indian economy and about $118 million in foreign investment



नई दिल्ली। 30 जून को जारी की गई एक रिपोर्ट के अनुसार मणिपुर और पंजाब में हाल ही में इंटरनेट शटडाउन से भारतीय अर्थव्यवस्था को 1.9 बिलियन डॉलर के नुकसान की आशंका है। विदेशी निवेश में लगभग 118 मिलियन डॉलर का नुकसान हुआ और लगभग 21,268 नौकरियां चली गईं। सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए एक औजार के रूप में भारत में इंटरनेट शटडाउन का नियमित उपयोग जारी है। वर्ष 2023 में अब तक 16 प्रतिशत शटडाउन हुआ है, नेटलॉस कैलकुलेटर के अनुसार यह इस साल दुनिया में सबसे अधिक में से एक है। 

2022 में वैश्विक स्तर पर इंटरनेट शटडाउन रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। दुनिया भर की सरकारों ने नागरिक अशांति, राजनीतिक अभियानों, प्रदर्शनों, स्कूल परीक्षाओं और चुनावों के दौरान इंटरनेट पहुंच और सेवाओं को प्रतिबंधित या अवरुद्ध करने का आदेश दिया, इससे आर्थिक नुकसान हुआ। द इंटरनेट सोसाइटी के अध्यक्ष और सीईओ एंड्रयू सुलिवन ने कहा, इंटरनेट शटडाउन में वैश्विक वृद्धि से पता चलता है कि सरकारें वैश्विक इंटरनेट की खुली, सुलभ और सुरक्षित प्रकृति को कमजोर करने के नकारात्मक परिणामों को नजरअंदाज कर रही हैं।

द इंटरनेट सोसाइटी के अनुसार, सरकारें अक्सर गलती से यह मान लेती हैं कि इंटरनेट शटडाउन से अशांति कम हो जाएगी, गलत सूचना का प्रसार रुक जाएगा, या साइबर सुरक्षा खतरों से होने वाला नुकसान कम हो जाएगा। लेकिन शटडाउन आर्थिक गतिविधियों के लिए बेहद विघटनकारी हैं। ये ई-कॉमर्स को रोकते हैं, संवेदनशील लेनदेन में नुकसान उत्पन्न करते हैं, बेरोजगारी बढ़ाते हैं, व्यापार-ग्राहक संचार को बाधित करते हैं, और कंपनियों के लिए वित्तीय और प्रतिष्ठित जोखिम पैदा करते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, इस कदम ने देश की वृद्धि को भी नुकसान पहुंचाया है क्योंकि शोध से पता चलता है कि इंटरनेट अपनाने से सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

मालूम हो कि किसी क्षेत्र में इंटरनेट पर रोक लगा देने से इंटरनेट आधारित सभी काम-काज जैसे बैंकिंग, विविध प्रकार के लेन-देन, फार्म इत्यादि भरने और अन्य तमाम तरह के कार्य रुक जाते हैं। जिससे काफी आर्थिक नुक्सान होता है। जिससे पूरा समाज प्रभावित होता है। बेहतर कानून-व्यवस्था बनाने के बजाय सरकार लोगों के आपसी संपर्क को तोड़ देती है। सरकारें आलोचनाओं से बहुत चिढ़ती है इसलिए वह अक्सर तमाम लोगों के सोशल मीडिया एकाउंट बंद करवा देती है।


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