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इंटरार्क प्रबंधन की मनमानी, उच्च न्यायालय के आदेश की अनदेखी, प्रशासन की विफलता, मजदूर उत्पीड़न के खिलाफ पैदल मार्च 7 मई को रुद्रपुर में Interarch management's arbitrariness, high court's order ignored, administration's failure, march on foot against labor harassment in Rudrapur on 7th May



रुद्रपुर (ऊधम सिंह नगर) उत्तराखंड, 5 मई। इंटरार्क बिल्डिंग प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड सिडकुल पंतनगर एवं किच्छा जिला ऊधमसिंह नगर के प्रबंधन द्वारा कंपनी में कार्यरत 32 मजदूरों को गैरकानूनी रूप से उत्तराखंड राज्य से बाहर ट्रांसफर करने, गेटबंदी करने और प्रशासन की मध्यस्थता में हुए समझौते को लागू न करने के विरोध में मजदूर संगठनों ने 7 मई को विरोध मार्च निकालने का ऐलान किया है इस आयोजन में सहयोग के लिए इंटरार्क मजदूर संगठन ने सभी श्रमिक संगठनों, जन संगठनों, किसान संगठनों और इन्साफपसंद लोगों से अपील है कि वे मार्च में शामिल होकर न्याय दिलाने में सहभागी बनें।

इंटरार्क मजदूर संगठन की ओर से जारी अपील में कहा गया है कि इंटरार्क बिल्डिंग प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के मालिक की मनमानी और गैरकानूनी कृत्यों के कारण 41 मजदूरों का गेट बंद है और सुनवाई नहीं हो रही है। जायडस और माइक्रोमैक्स कंपनी के मजदूर गैरकानूनी मिलबंदी व तालाबंदी के शिकार हैं। शासन प्रशासन में उनकी कहीं भी सुनवाई नहीं हो रही है। यही हाल सिडकुल की अन्य कंपनियों का भी है। सारे मामले न्यायालयों को रेफर कर दिए जा रहे हैं। अब बड़ी चुनौती यह है कि जिला प्रशासन उत्तराखंड उच्च न्यायालय के आदेश को भी लागू नहीं करा रहा है। तो फिर मजदूरों को क्या करना चाहिए ? इसका एकमात्र जवाब है और वह है सिडकुल के मजदूरों की वर्गीय एकजुटता और एकजुट संघर्ष। सभी दुखी पीड़ित मजदूरों को एक मोर्चे के तहत अपने संघर्ष को आगे बढ़ाने की जरूरत है। इंटरार्क जायडस, पीडीपीए और माइक्रोमैक्स सहित सभी कंपनियों को साझे रुप से लड़ाई लड़ने की जरूरत है। इसी उद्देश्य के तहत इंटरार्क मजदूरों के परिवार की महिलाओं द्वारा मजदूरों व क्षेत्र की जनता के साथ मिलकर 7 मई 2023 को शाम को 04 बजे से सभा कर 5.30 बजे से अंबेडकर पार्क रुद्रपुर से जिलाधिकारी आवास तक पदयात्रा निकाली जा रही है और निर्णायक आंदोलन करने को पहल ली गई है।                         

इंटरार्क मजदूर संगठन के अध्यक्ष दलजीत सिंह ने क्षेत्र की जनता से अधिकाधिक संख्या में पदयात्रा में शामिल होकर सहयोग देने की अपील की है। मालूम होकि 1 मई 2023 को इंटरार्क की मजदूर महिलाओं ने जिलाधिकारी ऊधमसिंह नगर से मुलाकात की और करीब 700 महिलाओं के हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन सौंप कर जिला प्रशासन की मध्यस्थता में हुए समझौते को लागू कराकर सभी 28 मजदूरों की सवैतनिक कार्यबहाली कराने और वेतन वृद्धि करने की मांग की। महिलाओं ने आरोप लगाया कि एडीएम, एसपी और एएलसी जैसे जिला स्तर के बड़े बड़े अधिकारियों की मध्यस्थता हुवे उक्त समझौते पर इंटरार्क कंपनी प्रबंधन सरेआम कालिख पोत रहा है फिर भी जिला प्रशासन मौन है। इंटरार्क यूनियन की याचिका पर उच्च न्यायालय उत्तराखंड द्वारा जुलाई 2020 में दिए आदेश में मजदूरों का उत्तराखंड राज्य से बाहर ट्रांसफर करने पर रोक लगाई हुई है। उत्तराखंड राज्य के मॉडल स्टैंडिंग ऑर्डर और इंटरार्क कंपनी के प्रमाणित स्थायी आदेश में भी मजदूरों के उत्तराखंड राज्य से बाहर ट्रांसफर करना प्रतिबंधित है। इसके बावजूद कंपनी प्रबंधन द्वारा उत्तराखंड उच्च न्यायालय के जुलाई 2020 को दिए उक्त आदेशों को ताक पर रखकर और भारत के कानूनों का उल्लंघन कर मजदूरों का उत्तराखंड राज्य से बाहर ट्रांसफर कर कर्मचारियों और कानून से मनमानी की जा रही है।

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