ब्रेकिंग न्यूज़

25 मई थायराइड दिवस विशेष: करोड़ों लोग थायराइड से पीड़ित, जानिए इससे होने वाली दिक्कतों, लक्षण और बचाव के बारे में 25 May Thyroid Day Special: Crores of people suffering from thyroid, know about its problems, symptoms and prevention


रुद्रपुर (ऊधम सिंह नगर) उत्तराखंड 25 मई। दुनिया भर में 2008 से 25 मई को विश्व थायराइड दिवस मनाया जाता है। विश्व भर में भारी संख्या में लोग शरीर की इस गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं। लगातार बढ़ती बेरोजगारी, अल्प आय, महंगाई, रोजी-रोटी समस्या से आदमी आज ज्यादा संकट ग्रस्त है और ऐसे में स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें भी बढ़ रही हैं। थायराइड की बढ़ती समस्या को देखते हुए ही जन जागरूकता और थायराइड से जुड़े विविध आयामों के बारे में विश्व थायराइड दिवस आयोजित करने की जरूरत महसूस की गई। यूरोपीय थायराइड एसोसिएशन और अमेरिकन थायराइड एसोसिएशन के नेतृत्व में अभियान के एक भाग के रूप में शुरू किया गया था। इसके बाद इसे लैटिन अमेरिकन थायराइड सोसायटी और एशिया ओशिनिया थायराइड एसोसिएशन के साथ मिलकर यह दिवस मनाया जाने लगा।

दुनिया भर में भागदोड़ और आर्थिक रूप से अनिश्चितता से भरे लोग जिंदगी में तमाम समस्याओं से ग्रसित हैं, थायराइड से भी भारी संख्या में लोग जूझ रहे हैं। यह एक ऐसी समस्या है, जिसकी चपेट में आने से कई अन्य बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। थायराइड के कुछ लक्षण तो बेहद स्पष्ट हैं। लेकिन, समय पर पहचान न हो पाने से बड़ी संख्या में लोग बड़े संकट में आ जाते हैं।

थायराइड तितली के आकार जैसी एक ग्रंथि है। यह गर्दन के अंदर और कॉलरबोन के ठीक ऊपर होती है। यह एंडोक्राइन ग्रंथि है, इसमें नलिका नहीं होती। यह हार्मोन बनाती है। इसमे अनेक बार कमी आ जाती है। थायराइड में समस्या आना एक आम बात है। किंतु कई बार यह गंभीर रूप ले लेती है। आमतौर पर महिलाओं में ज्यादा परेशानी होती है। थायराइड की समस्या दो तरह की होती है। एक है हाइपर-थायराइड और दूसरी है हाइपो-थायराइड। हाइपर में हार्मोन अधिक मात्रा में बनने लगता है, जबकि हाइपो में मात्रा कम हो जाती है। दोनों ही तरह की समस्या में हार्मोन उत्पादन संतुलन में नहीं होता। ऐसे में लक्षण कुछ स्पष्ट होने लगते हैं और दिक्कतें बढ़ने लगती हैं।

असंतुलित थायराइड की स्थिति में स्वयं को थका हुआ महसूस करता है, बाल झड़ने की समस्या हो सकती है। महिलाओं में समय से पीरियड नहीं आने की स्थित आ जाती है, बेवजह का तनाव हो सकता है, अचानक पसीना आने लगता है, गर्दन के पास वाली स्किन की सिलवटें काली दिखने लगती हैं, पर्याप्त नींद न आना और बार-बार भूख लगना भी थायराइड के प्रमुख लक्षण हो सकते हैं। थायराइड की समस्या अमूमन महिलाओं में अधिक होती है। दुनिया की हर 8 में से कम से कम एक महिला इन समस्याओं का सामना कर रही है। इस मामले पर शोध, अध्ययन कर रहे विशेषज्ञों का कहना है कि 60 फीसदी महिलाएं थायराइड की समस्या से जूझ रही हैं। कई बार उन्हें लक्षणों के बारे में जानकारी ही नहीं होती और समस्या बढ़ जाती है।

अध्ययनकर्ताओं के अनुसार थायराइड की समस्या जागरूकता के अभाव में कई बार बड़ा रूप ले लेती है। इसके कारण अस्थमा, कोलेस्ट्रॉल की समस्या, डिप्रेशन, डायबिटीज, इंसोमनिया और दिल की बीमारियों का खरा बढ़ जाता है। यदि आपको समय रहते पता चल जाए कि आपको थायराइड की समस्या है तो आप जानकार चिकित्सक से उचित सलाह ले सकते हैं, जांच करवा कर उचित उपचार प्राप्त कर सकते हैं। समय से पता न चले, उचित उपचार न मिले तो हृदय रोग, हृदयाघात, बांझपन, अल्जाइमर, कोई अन्य रोग और यहां तक कि कई बार तो मौत का कारण बन सकती है।

शोधकर्ता कहते हैं कि जिनके परिवार में किसी को थायराइड की समस्या थी या है, उनमें थायराइड होने का खतरा ज्यादा हो सकता है। यह दिक्कत टाइप 1 डायबिटीज के मरीजों को भी हो सकती है, इसके अलावा बढ़ती उम्र, अधिक तनाव, पहले की गई थायराइड सर्जरी और डाउन या टर्नर सिंड्रोम के चलते थायराइड गड़बड़ा सकता है।

बचाव और उपचार के बावत अमेरिकन थायराइड एसोसिएशन तो कहता है कि 35 साल की उम्र के बाद रेगुलर थायराइड की जांच कराना चाहिए। अगर जांच में आप ठीक हैं तो भी अधिकतम हर 5 साल में जांच कराते रहना चाहिए।

जानकार कहते हैं कि अगर थायराइड है, तो कुछ चीजों को खाने से परहेज करना चाहिए। हाइपो-थायराइड से जूझ रहे हैं, तो आयोडीन युक्त खाना न खाएं। सी फूड और नमक खाने से परहेज करें। बताते हैं कि थायराइड से पीड़ित मरीज यदि कैफीन का सेवन करते हैं, तो बेचैनी और नींद न आने की समस्या पैदा हो सकती है। रेड मीट से बचने की सलाह दी जाती है। कहते हैं कि थायराइड के मरीजों में वजन तेजी से बढ़ता है। वनस्पति घी और अल्कोहल, अधिक चाय, काफी इत्यादि से भी बचना चाहिए।

सलाह दी जाती है कि दूध और दही के सेवन से आराम मिल सकता है। इसमें मौजूद कैल्शियम, मिनरल्स और विटामिन्स थायराइड में आराम देते हैं। इसके अलावा भारत में सदियों से गले की दिक्कतों में इस्तेमाल होती आ रही मुलेठी का सेवन थायराइड ठीक करने में कारगर साबित हो सकता है। थायराइड की स्थिति में कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है। नियमित मुलेठी सेवन से इस समस्या से बचा जा सकता है। इसके अलावा सलाह दी जाती है कि गेहूं और ज्वार का अधिक इस्तेमाल करें, भिगोया हुआ साबुत अनाज का सेवन लाभदायक रहता है। इसमें फाइबर, प्रोटीन और विटामिन्स होते हैं। संतुलित भोजन, पर्याप्त नींद और काफी हद तक तनावमुक्त रहने से थायराइड की समस्या और थायराइड जनित अन्य समस्याओं से काफी हद तक बचा जा सकता है।

विशेष सूचना - सम्मानित पाठकगण सादर अभिवादन !

पीपुल्सफ्रैंड.इन में समाचार, रचनाएं, विज्ञापन छपवाने एवं पीपुल्स फ्रैंड हिंदी अखबार एवं पीपुल्सफ्रैंड.इन वेबसाइट का रिपोर्टर बनने अथवा अपना अखबार, पत्रिका, न्यूज वेबसाइट, यूट्यूब चैनल, फेसबुक पेज आदि चलवाने के लिए संपर्क करें- एपी भारती (संपादक) व्हाट्सऐप 9411175848 रुद्रपुर, उत्तराखंड, भारत Plz Visit our News Website : https://loknirnaynews11.blogspot.com  #worldhistoryof24may #redcross #factcheck #mother'sday2023 #nationaldengueday #WorldTelecommunicationDay #WorldHypertensionDay #internationalmuseumday #WorldFamilyDoctorDay #WorldBeeDay #InternationalTeaDay2023 #InternationalBiodiversityDay #WorldTurtleDay #NationalBrother'sDay #WorldThyroidDay

No comments

Thank you for your valuable feedback