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हरियाणा का पंजाबी समाज पंजाबी मुख्यमंत्री खट्टर से नाराज, जो दल पंजाबी समाज की मानेगा विधान सभा चुनाव में उसका साथ देंगे The Punjabi community of Haryana is angry with Punjabi Chief Minister Khattar, the party which believes in Punjabi community will support him in the assembly elections



हिसार। अगले वर्ष हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने हैं ऐसे में पंजाबी समाज ने पंजाबी बहुल 25 विधानसभा सीटों पर और तीन लोकसभा सीटों पर अपना प्रतिनिधि उतारने की सोची है। पंजाबी समाज के नेता एवं पूर्व गृह मंत्री सुभाष बत्रा ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने पंजाबी समाज की सुधर नहीं ली। उन्होंने रोहतक व करनाल लोकसभा क्षेत्र के बाद रविवार को हिसार में पंजाबी समाज के लोगों के साथ बातचीत की। आयोजन महेंद्र नारंग एवं पूर्व मंत्री अमीरचंद मक्कड़ के पुत्र सुरेंदर मक्कड़ ने किया। नेताओं ने जानकारी दी कि आगामी बैठक गुरुग्राम में होगी और सभी लोकसभा क्षेत्रों को कवर करने के बाद पंजाबी बाहुल्य 25 सीटों पर विशेष बैठक की जाएगी। इसके बाद प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। बैठक में सर्वसम्मति से महेंद्र नारंग को हिसार जिले का प्रधान बनाया गया एवं संध्या बजाज को पूरे प्रदेश की महिला विभाग का प्रधान नियुक्त किया गया।

पत्रकारों से बातचीत करते हुए पूर्व गृह मंत्री सुभाष बत्रा ने कहा कि पंजाबी समाज के लंबे संघर्ष के बाद 2014 में जब मनोहर लाल खट्टर मुख्यमंत्री बने थे तो समाज बहुत खुश और उत्साहित था कि अब उनकी सुनवाई होगी, लेकिन राजनीतिक षड्यंत्र के चलते पंजाबियों को उनके हक से वंचित किया गया। सुभाष बत्रा ने कहा कि यह मुहिम पंजाबी समाज के हक की लड़ाई एवं जनसंख्या के हिसाब से राजनीतिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए छेड़ी गई है। उन्होंने कहा कि पंजाबी समाज की पांच मुख्य मांगें हैं और जो भी राजनीतिक दल हमारे निर्णय से सहमत होगा, पंजाबी समाज उस दल के साथ खड़ा होगा। इनमें प्रदेश के 25 विधानसभा क्षेत्रों व तीन लोकसभा क्षेत्रों और समाज के जनसंख्या अनुपात के हिसाब से राज्यसभा की सीटें आबंटित हों, पंजाबी वेलफेयर बोर्ड का गठन हो, नौकरियों में समान भागीदारी मिले, पंजाबी समाज को रिफ्यूजी या शरणार्थी की संज्ञा देना कानूनन अपराध घोषित हो, पंजाबी भाषा गुरमुखी को प्रदेश में दूसरी भाषा का दर्जा दिया जाए। मनोहर लाल के कार्यकाल में पंजाबी समाज को कितनी नौकरियां मिली इसका वे श्वेतपत्र जारी करें।

पंजाबी समाज की नजर कुछ लोकसभा सीटों और विधानसभा सीटों पर राजनीतिक रूप से कब्जा करने की है। इसमें तीन लोकसभा सीटें करनाल, फरीदाबााद व कुरुक्षत्र हैं। बताया जाता है कि विधानसभा सीटों में कालका, पंचकूला, अंबाला छावनी, अंबाला शहर, यमुनानगर, कैथल, पेहोवा, करनाल, इंद्री, पानीपत, सोनीपत, रोहतक, गुरुग्राम, फरीदाबाद एनआईटी, बल्लभगढ़, मेवड़ा महाराजपुर, भिवानी, जींद, टोहाना, हांसी, फतेहाबाद, हिसार, बरवाला, सिरसा और रानिया शामिल हैं।

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