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प्रेस और देश की खराब हालत पर खड़गे ने मोदी सरकार और मीडिया को दिखाया आइना, शर्मिंदा करता है वर्तमान माहौल Kharge shows the mirror to the Modi government and the media on the bad condition of the press and the country, the present atmosphere embarrasses



नई दिल्ली। मोदी राज में देश और जनता, दोनों की हालत खराब है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जिस देश के संविधान ने मीडिया को इतनी आजादी दी है वह देश आज मीडिया की स्वतंत्रता के मामले में दुनिया के 180 देशों में से 150वें स्थान पर है। लोकमत संसदीय पुरस्कार के चौथे संस्करण को संबोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार कहा कि आज सच बोलने और लिखने की आजादी पर खतरा है। जब संसद के भीतर रखी गई बातों को कार्यवाही से हटा दिया जाता हैए तो बहुत पीड़ा होती है।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता खड़गे ने कहा कि हमारे संसदीय लोकतंत्र में सांसदों और मीडिया को सवाल पूछने का विशेषाधिकार है, लेकिन जब संसद में रखी जाने वाली बातें कार्यवाही से निकाली जाती हैं, शायरी तक निकाली जाती है, तो हमें पीड़ा जरूर होती है। उन्होंने यह भी कहा कि मीडिया का एक हिस्सा आज अपनी आजादी की रक्षा के लिए लड़ रहा है, वहीं एक हिस्सा सत्ता के आगे समर्पण कर चुका है। आज सच लिखने और बोलने की आजादी पर खतरा है। पेड न्यूज, फर्जी खबरें, टीआरपी घोटाला, सनसनी, पक्षपात और भेदभाव भरी खबरों ने उसकी छवि पर थोड़ा असर डाला है। हमारे संसदीय लोकतंत्र में सांसदों और मीडिया को सवाल पूछने का विशेषाधिकार है। लेकिन जब संसद में रखी अहम बातें प्रोसीडिंग से बाहर होने लगें, शायरी तक बाहर होने लगें तो पीड़ा जरूर हमको होती है।

कांग्रेस खड़गे ने आगे बोलते हुए कहा कि मीडिया का एक तबका अंधविश्वास को बढावा दे रहा है। गरीबी, बेरोजगारी, विषमता जैसे सवाल गायब हो रहे हैं। इलेक्टॉनिक मीडिया सरकार और सत्तारूढ़ दल का एजेंडा चला रहा है। हमें याद रखना चाहिए कि भारत में ऐसे तमाम महान पत्रकार हुए जिन्होंने निडर होकर सांप्रदायिक ताकतों, जातिवाद और संप्रदायिकता का विरोध किया। लेकिन आज वो सभी कमजोर दिख रहे हैं। यह बेहद दुख है कि जिस देश में संविधान ने मीडिया को इतनी आजादी दी है, वह दुनिया के 180 देशों में प्रेस की आजादी के मामले में 150वें स्थान पर है। यानी 149 देश प्रेस की आजादी में हमसे बेहतर हैं। आज हेट स्पीच को मीडिया का एक तबका हवा देता है। सुप्रीम कोर्ट ने 21 सितंबर 2022 को पूछा था कि सरकार इस पर चुप क्यों है, ये भी कहा कि कुछ राजनीतिक दल घृणा भाषण की पूंजी बनाते हैं और टीवी चैनल एक मंच के तौर पर काम करते हैं। खड़गे ने कहा कि यह बेहद शर्मनाक है।

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