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यू सिस्टम जनता का बैरी, इसनै मार भगाणा हे ! - हरियाणवी कविता - कमेरा कवि ठरगल आजाद This system is the enemy of the public, it is killing them! - Haryanvi Poetry - Kamera Poet Thergal Azad



टेक- शिक्षित होकै संगठन करल्यो, संघर्ष राह अपणाणा हे !

यू सिस्टम जनता का बैरी, इसनै मार भगाणा हे !

कदे टाडा, कदे पोटा, कदे यूएपीए ल्यावैं सैं, 

मेहनतकश ना संगठित हो, तिकड़म इसी भिड़ावै सैं

लोकतंत्र का चैला ओढ़रह्या, हिटलरवाद मिटाणा हे ! 

यू सिस्टम जनता का बैरी............


जनता तरसै रोटी न बी, यें जात धर्म नै ठाए जां, 

पाखण्ड खूब फला फलाकै, देश का ध्यान बटाए जां 

भाईचारा मिटाए जां न्यू लोगां तै समझाणा हे ! 

यू सिस्टम जनता का बैरी............


आजादी के बाद देश यू, रोज डूबता जारह्या सै, 

पूंजीपति म्हारे देश नै, लूट-लूटकै खारह्या सै

रोज हथियार मंगारह्या सै यू चाह्वै नाश कराणा हे!

यू सिस्टम जनता का बैरी..........


पूंजीपति नै सब लूट लिए, जल-जंगल, जमीन देखे,

रोजी-रोटी कोन्या दिखै,बस दिखै पाक और चीन देखे

गोदी मीडिया जाळ गुलामी इसतै पिंड छुड़ाणा हे !

यू सिस्टम जनता का बैरी........


आई बार सरकार बदलज्या, सिस्टम नही बदलता हे,

मेहनतकश झांसे म्हं आज्या, रहज्या हाथ मळता हे

ठरगल खून उबळता हे, तू धार बसन्ती बाणा हे  

यू सिस्टम जनता का बैरी......  कमेरा कवि ठरगल आजाद मोबाइल नंबर 9812198128.


विशेष सूचना - सम्मानित पाठकगण सादर अभिवादन !

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