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मंत्री मेहता बोले मंदिरों में घंटी बजाने वाले कर रहे राज, 90 प्रतिशत जनता त्रस्त, मौर्य ने मानस की कुछ चौपाइयां पर पाबंदी की मांग Minister Mehta said that bell ringers in temples are ruling, 90 percent people are suffering, Maurya demanded a ban on some cattle of Manas



पटना, लखनऊ। रामचरितमानस पर बिहार के शिक्षा मंत्री के बयान पर हुए राजनीतिक विवाद बिहार के एक और मंत्री आलोक कुमार मेहता ने की ब्राह्मणवाद और अन्य उच्च जातियों के वर्चस्व को लेकर तार्किक सवाल उठाए हैं। बिहार के भागलपुर जिले में एक जनसभा में राज्य के राजस्व मंत्री आलोक मेहता ने कहा कि जो लोग मंदिरों में घंटी बजाते थे, वे अब शक्तिशाली पदों पर आसीन हैं। उदाहरण के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ।

राष्ट्रीय जनता दल के संस्थापक सदस्य मेहता ने उच्च जाति समुदायों को लाक्ष्य करते हुए कहा कि देश की 10 प्रतिशत आबादी, जो ब्रिटिश राज की एजेंट हुआ करती थी, अब शेष 90 प्रतिशत वंचित और पिछड़े समुदायों पर अपना अधिकार चला रही है। हमारी आबादी का नब्बे प्रतिशत, जिसका प्रतिनिधित्व (बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री) जगदेव बाबू करते थे, का पहले ब्रिटिश राज द्वारा और फिर उनके एजेंटों द्वारा शोषण किया गया था, जिन्हें जगदेव बाबू 10 प्रतिशत कहते थे।

लखनऊ। बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर द्वारा रामचरितमानस पर की गई टिप्पणी को लेकर उठे विवाद के बीच समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी रामचरितमानस के कुछ हिस्सों पर यह कहते हुए पाबंदी लगाने की मांग की है कि उनसे समाज के एक बड़े तबके का जाति, वर्ण और वर्ग के आधार पर अपमान होता है। पूर्व मंत्री ने कहा कि अगर रामचरितमानस की पंक्तियों से एक वर्ग का जाति, वर्ण और वर्ग के आधार पर अपमान हो तो यह निश्चित रूप से धर्म नहीं बल्कि अधर्म है। मानस की कुछ पंक्तियों (दोहों) में कुछ जातियों जैसे कि तेली और कुम्हार का नाम लिया गया है।

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