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लखीमपुर खीरी किसान संहार में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री टेनी के बेटे आशीष मुख्य आरोपी, किसान कांग्रेस प्रमुख खैरा ने की बर्खास्त करने, एमएसपी गारंटी की मांग Ashish, son of Union Minister of State for Home Teni, the main accused in Lakhimpur Kheri farmer massacre, Kisan Congress chief Khaira demands sacking, MSP guarantee



लखीमपुर खीरी (उत्तर प्रदेश)। तिकोनिया में अक्तूबर, 2021 में हुई किसान हत्या मामले में मंगलवार को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा समेत 14 अभियुक्तों के खिलाफ लखीमपुर खीरी की अदालत में आरोप तय किए गए। जिला शासकीय अधिवक्ता अरविंद त्रिपाठी ने बताया कि अपर जिला न्यायाधीश सुनील कुमार वर्मा की अदालत में तिकोनिया कांड मामले में आशीष मिश्रा समेत 14 अभियुक्तों के खिलाफ आरोप तय किए गए। अधिवक्ता त्रिपाठी ने बताया कि जिन अभियुक्तों पर आरोप तय हुए उनमें आशीष मिश्रा के साथ-साथ अंकित दास, नंदन सिंह बिष्ट, लतीफ काले, सत्यम उर्फ सत्य प्रकाश त्रिपाठी, शेखर भारती, सुमित जायसवाल, आशीष पांडे, लवकुश राणा, शिशुपाल, उल्लास कुमार उर्फ मोहित त्रिवेदी, रिंकू राणा, वीरेंद्र शुक्ला और धर्मेंद्र बंजारा शामिल हैं।

अधिवक्ता त्रिपाठी ने बताया कि वीरेंद्र शुक्ला पर भारतीय दंड विधान की धारा 201 के तहत आरोप तय किया गया है। बाकी अभियुक्तों पर इन पर भारतीय दंड विधान की धारा 147, 148, 149, 302, 307, 326, 427 और 120 (ख) और मोटर वाहन अधिनियम की धारा 177 के तहत आरोप तय किए गए। त्रिपाठी ने बताया कि इसके अलावा आशीष मिश्रा, अंकित दास, नंदन सिंह बिष्ट, सत्य प्रकाश त्रिपाठी, लतीफ काले और सुमित जायसवाल के खिलाफ शस्त्र अधिनियम के तहत भी आरोप तय किए गए हैं। उन्होंने बताया कि अदालत ने अभियोजन पक्ष से आगामी 16 दिसंबर को न्यायालय में सबूत पेश करने को कहा है।

मालूम हो कि 3 अक्तूबर, 2021 को निघासन क्षेत्र के तिकोनिया में किसानों के प्रदर्शन से लौटने के दौरान महेंद्रा थार और एक अन्य कार से कुचल कर चार किसानों और उसके बाद की हिंसा में 4 लोगों सहित कुल 8 लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टिनी के बेटे आशीष मिश्रा को मुख्य अभियुक्त बनाया गया है।



भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की किसान इकाई के प्रमुख सुखपाल सिंह खैरा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मंगलवार को आग्रह किया कि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के आधार पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सुनिश्चित किया जाए और एमएसपी की कानूनी गारंटी दी जाए। अखिल भारतीय किसान कांग्रेस के अध्यक्ष खैरा ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर यह भी कहा कि लखमीपुर खीरी हिंसा मामले को लेकर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा को बर्खास्त किया जाए तथा विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के परिवारों को उचित मुआवजा, नौकरी दी जाए। उन्होंने कर्जमाफी की मांग समेत किसानों से जुड़े कई अन्य विषय भी इस पत्र में उठाए।

खैरा ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि देश के किसानों एवं खेतिहर मजदूरों की विकट समस्याओं के प्रति केंद्र सरकार की उदासीनता और अनदेखी के मद्देनजर अखिल भारतीय किसान कांग्रेस द्वारा आगामी 9 दिसंबर को जंतर मंतर पर रैली का आयोजन किया जाएगा।श् उन्होंने कहा, ‘‘देश भर के किसानों द्वारा चलाए गए आंदोलन को खत्म हुए लगभग एक वर्ष हो चुका है। केंद्र सरकार ने उस वक्त देश के किसानों को तीनों किसान विरोधी कानूनों को वापस लेने सहित किसानों की अन्य समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया था लेकिन इस बारे में केंद्र सरकार ने कोई भी कदम नहीं उठाया। प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में खैरा ने कहा, किसान अपने उत्पाद की कानूनन न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी चाहता है। यह गारंटी स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के आधार पर होनी चाहिए। इससे जुड़ी केंद्र सरकार की समिति को किसान पहले ही नकार चुका है।

खैरा ने कहा कि किसानों की मांग है कि पुरानी समिति भंग की जाए और एमएसपी को कानूनन अधिकार देने के लिये नई समिति गठित की जाए जिसमें किसानों, किसान संगठनों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जाए। खैरा ने बोले कि हमारी मांग है कि देश के किसानों और खेतिहर मजदूरों के कर्ज माफ किए जाएं ताकि किसानों को राहत प्राप्त हो सके। अगर केंद्र सरकार कारपोरेट क्षेत्र को 10 लाख करोड़ के ऋण माफ करके राहत दे सकती है तो देश के अन्नदाता को भी ऐसी राहत का अधिकार है। उन्होंने कहा, केंद्र सरकार द्वारा किसान मोर्चा को लिखे एक पत्र में बिजली संशोधन विधेयक, 2022 को वापस लेने का लिखित वादा किया गया था, लेकिन अब केंद्र सरकार ने वही विधेयक संसद में पेश कर दिया है। यह वापस लिया जाए।

किसान कांग्रेस के प्रमुख ने प्रधानमंत्री से मांग की कि लखीमपुर खीरी मामले को लेकर केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्त किया जाए और कानून सम्मत कार्यवाही कर कठोर दंड दिया जाए। गिरफ्तार किए गए बेकसूर किसानों को रिहा किया जाए, किसानों पर दर्ज किए गए झूठे मुकदमे खारिज किए जाएं। केंद्र सरकार ने पीड़ित किसानों को मुआवजा देने का वादा किया था, उस वादे को पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि किसानों की फसल को सूखा, बाढ़, तूफान, अधिक बारिश आदि प्राकृतिक आपदाओं से राहत देने के लिए सभी तरह की फसलों की कारगर बीमा योजना शुरू की जाए। उन्होंने मांग की कि सभी छोटे, लघु, मध्यम किसानों, खेतिहर मजदूरों के लिए 5000 रुपये प्रतिमाह की किसान पेंशन योजना आरंभ की जाए।

खैरा ने कहा कि सभी राज्यों में किसान आंदोलनों के दौरान किसानों पर दर्ज किए गए मुकदमे रद्द किए जाएं। किसान आंदोलनों में शहीद हुए किसानों के परिवारों को उचित मुआवजे के साथ-साथ नौकरी का प्रावधान सुनिश्चित बनाया जाए। सिंधु मोर्चा स्थल पर शहीद किसानों के सम्मान के लिए किसान शहीद स्मारक स्थापित किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि किसानों के खेत में काम कर रहे मजदूरों को भी मनरेगा के अंतर्गत लाया जाए, इससे न केवल अधिक मजदूरों को रोजगार की गारंटी प्राप्त होगी बल्कि किसानों को भी कम लागत पर खेती करने का लाभ मिलेगा।

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