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जो पैसा लेकर अमेरिका आएं, उन प्रवासियों को प्राथमिकता दी जाए, ट्रंप प्रशासन का दूतावासों को आदेश, अब एच-1बी और एच-4 वीजा धारकों की कड़ी जांच Trump administration orders embassies to prioritize immigrants who come to the US with money, now subject to strict scrutiny of H-1B and H-4 visa holders



वाशिंगटन। डोनाल्ड ट्रंप की सरकार ने दुनिया भर में अपने दूतावासों और वाणिज्य दूतावासों को नए दिशानिर्देश जारी करते हुए स्पष्ट किया है कि आने वाले वर्षों में होने वाले बड़े अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों और संभावित निवेश से जुड़े आवेदनों को वीजा प्रक्रिया में सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी। यह कदम विश्व कप और ओलंपिक जैसे आयोजनों में प्रशंसकों की समय पर उपस्थिति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है। अमेरिका में महत्वपूर्ण निवेश पर विचार कर रहे विदेशी व्यापारियों, 2026 विश्व कप, 2028 ओलंपिक तथा अन्य प्रमुख आयोजनों में भाग लेने या उन्हें देखने आने वाले यात्रियों के वीजा आवेदन सबसे पहले निपटाए जाएंगे। विश्व कप प्रशंसकों के बी1ध्बी2 श्रेणी के आवेदनों को अन्य सभी सामान्य पर्यटक आवेदनों से ऊपर रखा गया है।

अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने जानकारी दी कि बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए चार सौ से अधिक अतिरिक्त कांसुलर अधिकारियों की तैनाती की गई है, जिससे वीजा प्रक्रिया में लगने वाला समय कम हो सके। उच्च कौशल वाले पेशेवरों के एच-1बी वीजा आवेदनों को लेकर भी नए मानदंड लागू हुए हैं। निर्देशों के अनुसार, राजनयिक उन आवेदकों पर विशेष रूप से नजर रखेंगे जो किसी भी माध्यम से अमेरिकी नागरिकों की ऑनलाइन सेंसरशिप में शामिल रहे हों। विभाग ने कहा है कि ऐसे मामलों में पर्याप्त प्रमाण मिलने पर वीजा अस्वीकृत किया जा सकता है।

इससे पहले अमेरिकी सरकार ने एच-1बी वीजा आवेदकों और उन पर आश्रित एच-4 वीजा धारकों के लिए जांच और सत्यापन प्रक्रियाएं कड़ी कर दीं। नए निर्देशों के तहत सभी आवेदकों को अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल की निजता ‘सेटिंग्सश् सार्वजनिक (पब्लिक) रखने के लिए कहा गया है। विदेश विभाग ने बुधवार को जारी किए नए आदेश में कहा कि 15 दिसंबर से सभी एच-1बी आवेदकों और उनके आश्रितों की ऑनलाइन उपस्थिति की समीक्षा की जाएगी। इससे पहले छात्र (एफ, एम) और एक्सचेंज विजिटर (जे वीजा) पहले से ही ऐसी जांच के दायरे में थे, जिसे अब एच-1बी और एच-4 वीजा तक बढ़ा दिया गया है।

विदेश विभाग ने कहा कि इस जांच को सुगम बनाने के लिए सभी एच-1बी, एच-4, एफ, एम और जे वीजा आवेदकों को अपने सभी सोशल मीडिया प्रोफाइल की प्राइवेसी सेटिंग्स सार्वजनिक करने के निर्देश दिए जाते हैं। विभाग ने जोर देकर कहा कि अमेरिकी वीजा कोई अधिकार नहीं, बल्कि एक विशेषाधिकार है और राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में उपलब्ध सभी सूचनाओं का उपयोग करके आवेदकों की गहन जांच की जाती है। बयान में कहा गया है कि हर वीजा निर्णय एक राष्ट्रीय सुरक्षा का निर्णय है। यह कदम ट्रंप प्रशासन द्वारा आव्रजन नियमों को कठोर बनाने की नवीनतम कार्रवाई है। प्रशासन एच-1बी वीजा के दुरुपयोग की रोकथाम के लिए व्यापक कार्रवाई कर रहा है, जिसका उपयोग बड़े पैमाने पर अमेरिकी प्रौद्योगिकी कंपनियां विदेशी पेशेवरों को नियुक्त करने में करती हैं। भारतीय पेशेवर, विशेषकर प्रौद्योगिकी कर्मी और चिकित्सक एच-1बी वीजा के सबसे बड़े लाभार्थी हैं।

प्रस्तुति: एपी भारती (पत्रकार, संपादक पीपुल्स फ्रैंड, रुद्रपुर, उत्तराखंड)

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