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गुरनाम सिंह चढूनी की अगुवाई में किसानों ने हरियाणा सरकार से की मांग, जिसका खेत-उसकी रेत, मुआवजे, यूरिया, ट्यूबवेल सहित अनेक मांगें उठाईं Farmers Demand BKU Haryana

चंडीगढ़। किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी की अगुवाई में पंजाब की तर्ज पर हरियाणा में भी जिसका खेत-उसकी रेत पॉलिसी लागू करने की मांग भारतीय किसान यूनियन ने उठाई। किसान संगठन का कहना था कि बाढ़ और बारिश के कारण हजारों किसानों के खेतों में रेत जम गई है। अगर इस रेत को बेचने का अधिकार किसानों को मिले, तो वे हुए भारी नुकसान की भरपाई कर सकेंगे। इसी मुद्दे को केंद्र में रखते हुए भाकियू अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी के नेतृत्व में यूनियन प्रतिनिधिमंडल ने चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से मुलाकात की और 11 सूत्रीय मांगपत्र सौंपा। भाकियू नेताओं ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि धान की खरीद 15 सितंबर से शुरू की जाए। उनका कहना था कि खरीफ सीजन में पहले ही किसानों को मौसम की मारझेलनी पड़ी है, ऐसे में फसल बिकने में देरी किसानों की हालत और बिगाड़ देगी। भाकियू प्रतिनिधिमंडल ने मांग रखी कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में मुआवजा बढ़ाकर 50 हजार रुपये प्रति एकड़ किया जाए। साथ ही बाढ़ में खराब हुए ट्यूबवेलों के लिए विशेष मुआवजा दिया जाए। किसानों ने यह भी कहा कि जब तक नदियों और बरसाती नालों की सफाई व तटीय बंदों की मरम्मत नहीं होगी, तब तक हर साल यह संकट दोहराया जाएगा। भाकियू ने सीएम से बातचीत में दो-टूक कहा, “सिर्फ राहत नहीं, स्थायी समाधान चाहिए। यूरिया खाद वितरण को पोर्टल से जोड़ने पर किसानों ने कड़ा विरोध जताया। उनका कहना था कि पोर्टल सिस्टम से किसानों को लंबी लाइनों और तकनीकी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। भाकियू ने इसे बंद करने की मांग की। इसी तरह प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना पर भी सवाल उठे। यूनियन ने कहा कि इसमें किसानों को समय पर और पर्याप्त मुआवजा नहीं मिलता, इसलिए इसके लिए कानूनी प्रावधान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि बीमा योजना कागजों में मजबूत है, लेकिन जमीनी स्तर पर कमजोर। किसानों ने गन्ने का भाव 500 रुपये प्रति क्विंटल तय करने और कपास की पूरी खरीद सरकारी स्तर पर करने की मांग रखी। साथ ही उन्होंने कहा कि जो बड़े बिजली टावर किसानों की जमीन से गुजरते हैं और एक राज्य से दूसरे राज्य में बिजली ले जाते हैं, उनका मुआवजा भी किसानों को मिलना चाहिए। भाकियू अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि किसानों की समस्याएं गंभीर हैं और सरकार को इन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। उन्होंने भरोसा जताया कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी इन मांगों पर जल्द सकारात्मक निर्णय लेंगे।

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