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अमेठी में बोले अखिलेश, राहुल, अमेठी का था, हूं, रहूंगा, फूड प्रोसेसिंग पार्क स्थापित कराउंगा, मिलेंगी नौकरियां, फले-फूलेगा चिप्स, अचार, टोमैटो केचअप कारोबार Rahul Gandhi, Akhilesh yadav said in Amethi, I was from Amethi, I am, will stay, I will set up a food processing park, will get jobs, chips, pickles, tomato ketchup business will flourish

अमेठी। उत्तर प्रदेश के अमेठी में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी और सपा मुखिया अखिलेश यादव ने संयुक्त रूप से एक जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान राहुल गांधी ने कहा कि अमेठी में फूड पार्क से लाखों लोगों को रोजगार मिलता, लेकिन, मोदी सरकार ने वह आपसे छीन लिया।


उन्होंने कहा कि हम अमेठी में फूड पार्क लेकर आए थे। फूड पार्क से अमेठी बदल जाती। यहां चिप्स, अचार, टोमैटो केचअप जैसे फूड प्रोसेसिंग के कई कारखाने लगते। फूड पार्क से लाखों लोगों को रोजगार मिलता। लेकिन, मोदी सरकार ने वह आपसे छीन लिया। इंडिया गठबंधन की सरकार बनते ही मैं अमेठी में फूड पार्क लगवाऊंगा। यह मेरी गारंटी है।

उन्होंने कहा कि 4 जून को हर प्रदेश के गरीब लोगों की लिस्ट बनेगी, हर गरीब परिवार में से एक महिला का नाम चुना जाएगा और फिर 5 जून को हम कानून बना देंगे और हर महिला के अकाउंट में साल के एक लाख रुपए भेजेंगे। राहुल गांधी ने कहा कि मेरे पापा ने 150 कोऑर्डिनेटर बनाए थे। उसमें किशोरी लाल शर्मा भी थे। किशोरी जी ने अमेठी में आपके लिए काम किया। आप बाकी कोऑर्डिनेटर को देखें, तो कोई कुछ न कुछ जरूर बन गया। कोई कहीं एमपी और एमएलए बन गए। सभी ने स्टेट तक चलाए, लेकिन, किशोरी लाल ने 40 साल अमेठी की जनता को दिए हैं। इन्होंने आपके लिए अपना सबकुछ न्योछावर कर दिया। अपना पूरा पॉलिटिकल करियर यहां की जनता को दिया है। इसलिए इन्हें यहां का एमपी बनाइए। उन्होंने कहा कि मैंने अपनी आंखों से अपने पिता और अमेठी के बीच मोहब्बत भरा रिश्ता देखा है। मेरी भी ऐसी ही राजनीति है। मैं अमेठी का था, हूं और अमेठी का रहूंगा।

समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि अमेठी में सिलेंडर वाले लोग अब सरेंडर कर रहे हैं। मैं समाजवादी साथियों से अपील करने आया हूं कि इस बार कांग्रेस प्रत्याशी को जिताएं। देश की जनता ने तय कर लिया है कि भाजपा वालों को 140 सीटों के लिए भी तरसा देंगे। यह लोग संविधान और हमारे-आपके हक को बदलना चाहते हैं। अब जनता इनको बदल देगी। मुझे वह समय भी याद है, जब अमेठी में मीठी चीनी के लिए कड़वा झूठ बोला गया था।


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