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जैव विविधता संरक्षण एवं प्रबंधन, पर्यावरण अनुकूल जीवन शैली मोटे अनाज के महत्व पर हिमालयी पर्यावरण संस्थान ने किया जागरूक GB Pant National Himalayan Environment Institute Almora made aware on the importance of coarse grains, Biodiversity conservation and management, eco-friendly lifestyle



अल्मोड़ा (उत्तराखंड)। अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष 2023 के उपलक्ष्य में ग्राम ज्योली जिला अल्मोड़ा में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन गोविन्द बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान कोसी.कटारमल, अल्मोड़ा द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष 2023 के उपलक्ष्य में ग्राम ज्योली जिला अल्मोड़ा में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। ग्राम सभा ज्योली के ग्राम प्रधान देव सिंह भोजक ने संस्थान के सभी वैज्ञानिकों तथा शोधार्थियों का स्वागत किया। संस्थान के वैज्ञानिक डा. के.एस. कनवाल ने कार्यक्रम की संक्षिप्त जानकारी दी। उन्होनें बताया कि कार्यक्रम का आयोजन संस्थान के निदेशक प्रो. सुनील नौटियाल तथा जैव विविधता संरक्षण एवं प्रबंधन केन्द्र के केन्द्र प्रमुख डा आई.डी. भट्ट के दिशा निर्देशन में किया जा रहा है। जिसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीणों को श्री अन्न मोटे अनाज के महत्व के प्रति जागरूकता फैलाना एवं कृषि हेतु प्रयत्न शुरू करना है। संस्थान के वैज्ञानिक डा. आशीष पांडे द्वारा मोटे अनाजों के प्रकार तथा उनमें पाए जाने वाले पोषक तत्वों के बारे में जानकारी दी गई। उन्होनें बताया मोटे अनाजों में अन्य अनाजों के अपेक्षा अधिक पोषक तत्व पाए जाते हैं। जिस कारण इन्हें सुपरफूड भी कहा गया है तथा बाजार में इनसे निर्मित विभिन्न खाद्य वस्तुएं उपलब्ध है जो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक है। डा. सुबोध ऐरी द्वारा औषधीय पादपों के कृषिकरण पद्धतियों बाजार मॉग क्लस्टर कृषि तथा इनसे उत्पन्न होने वाले अनेक रोजगार के अवसरों के सम्बन्ध में जानकारी दी।

उन्होनें बताया कि संस्थान द्वारा निरंतर ही ग्रामीणों को औषधीय पादपों की खेती के लिए प्रोत्साहन तथा तकनीकी ज्ञान दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ग्राम ज्योली कुज्याड़ी अल्मोड़ा के 10 प्रगतिशील कृषकों द्वारा यूकॉस्ट देहरादून द्वारा आयोजित कार्यक्रम पा्रइड ऑफ उत्तराखण्ड एक्सपो में 9 से 13 फरवरी तक प्रतिभाग किया था। उक्त प्रगतिशील कृषकों द्वारा गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान द्वारा संचालित इन हाउस परियोजना.04 के तहत बहुउद्देश्य औषधीय पादपों का वृहद कृषिकरण कार्य किया जा रहा है। जिन्हें संस्थान के जैव.विविधता संरक्षण एवं प्रबंधन केन्द्र द्वारा पोषण पखवाड़ा 2023 कार्यशाला के तहत पारितोषक देते हुए सम्मानित किया गया। जिसमें मुख्यतः देव सिंह भोजक ग्राम प्रधान ज्योली, ममता जोशी ग्राम प्रधान कुज्याड़ी, कु. किरन रावत, चंद्रा देवी, हेमा देवी, पन्ना देवी, मोहनी देवी, पान सिंह, ललित कुमार, राजेन्द्र प्रसाद, आदि कृषक थे।

संस्थान के वैज्ञानिक डा सतीश आर्य द्वारा ज्योली क्लस्टर में किये जा रहे औषधीय पादपों की कृषि मुर्गीपालन मत्स्य पालन जैसे महत्वपूर्ण कार्यों पर प्रकाश डाला उन्होने कहा कि वर्तमान में इन हाउस तथा नाबार्ड पोषित परियोजनाओं से भी यहा के ग्रामीण समुदायों की क्षमता निर्माण कार्य किया जायेगा। तथा उनकी आर्थिकी को बढ़ाने हेतु प्रयासरत रहेंगे। डा. अमित बहुखंडी द्वारा संस्थान के निदेशक प्रो. सुनील नौटियालए जैव विविधता संरक्षण एवं प्रबंधन केंद्र के केंद्र प्रमुख डा. आई.डी. भट्ट का धन्यवाद ज्ञापित किया गया। संस्थान के वैज्ञानिक डा. के.एस. कनवाल डा. आशीष पांडेय, डा. सुबोध ऐरी, डा. सतीश आर्य, बसंत सिंह, हिमानी तिवारी को कार्यक्रम के संचालन हेतु तथा सभी एक सौ बीस ग्रामीणों को हार्दिक धन्यवाद ज्ञापित किया गया।

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