ब्रेकिंग न्यूज़

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के वकील को लगाई फटकार, नफरती वक्तव्यों पर नाटक न करें, नेहरू और वाजपेयी को सुनने दूर-दराज से लोग आते थे The Supreme Court reprimanded the central government lawyer, do not act on hate statements, people used to come from far and wide to listen to Nehru and Vajpayee



नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार और सत्तारूढ़ भाजपा के नेता, उनके सहयोगियों-समर्थकों की नफरती राजनीति से समाज से शासन तक बहुत लोग त्रस्त हैं। नफरती राजनीति को लेकर दुनिया भर में भारत की आलोचना हो रही है लेकिन इससे सरकार और भाजपा से जुड़े लोगों को जैसे कोई फर्क नहीं पड़ता। सर्वोच्च न्यायालय घृणास्पद, संकीर्ण, भड़काऊ वक्तव्यों पर कई बार केंद्र सरकार और मीडिया को खरी-खोटी सुना चुका है लेकिन सरकार अपने लोगों का बचाव और दूसरों पर हमले जारी रखे हुए है। भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि जिस क्षण नेता राजनीति में धर्म का उपयोग बंद कर देंगे, नफरती भाषण समाप्त हो जाएंगे। जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस बीवी नागरत्ना की पीठ ने ने कहा, पूर्व प्रधानमंत्रियों जवाहरलाल नेहरू और अटल बिहारी वाजपेयी को सुनने के लिए दूर-दराज के इलाकों से लोग एकत्र होते थे।

पीठ ने नफरती भाषण देने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने में विफल रहने को लेकर महाराष्ट्र सहित विभिन्न राज्य प्राधिकरणों के खिलाफ एक अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा, हर दिन तुच्छ तत्व टीवी और सार्वजनिक मंचों पर दूसरों को बदनाम करने के लिए भाषण दे रहे हैं। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने केरल में एक व्यक्ति द्वारा खास समुदाय के खिलाफ दिए गए अपमानजनक भाषण की ओर पीठ का ध्यान दिलाया। इस पर मेहता एवं पीठ के बीच तीखी बहस हुई। मेहता ने द्रमुक के एक नेता के एक बयान का भी जिक्र किया और कहा कि याचिकाकर्ता के वकील ने उन्हें और उन राज्यों को अवमानना याचिका में पक्ष क्यों नहीं बनाया। पीठ ने कहा, हर क्रिया की समान प्रतिक्रिया होती है। हम अवमानना याचिका की सुनवाई कर रहे हैं क्योंकि राज्य शक्तिहीन हो गया है।

मेहता ने कहा, केंद्र ने पीएफआई पर प्रतिबंध लगा दिया है। कृपया केरल राज्य को नोटिस जारी करें ताकि वे इसका जवाब दे सकें। पीठ ने कहा, इसे नाटक न बनाएं। यह कानूनी कार्यवाही है। याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील निजाम पाशा ने कहा कि ंवह अधिकारों की रक्षा के लिए यहां आए हैं। शीर्ष अदालत ने इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 28 अप्रैल की तारीख तय की और याचिका पर महाराष्ट्र सरकार को जवाब देने को कहा।

विशेष सूचना - सम्मानित पाठकगण सादर अभिवादन !

पीपुल्सफ्रैंड.इन में समाचार, रचनाएं, विज्ञापन छपवाने एवं पीपुल्स फ्रैंड हिंदी अखबार एवं पीपुल्सफ्रैंड.इन वेबसाइट का रिपोर्टर बनने अथवा अपना अखबार, पत्रिका, न्यूज वेबसाइट, यूट्यूब चैनल, फेसबुक पेज आदि चलवाने के लिए संपर्क करें- एपी भारती (संपादक) व्हाट्सऐप 9411175848 रुद्रपुर, उत्तराखंड, भारत #worldhistoryof30march

No comments

Thank you for your valuable feedback