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राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान ने किसानों को संरक्षित खेती का प्रशिक्षण दिया, प्याज की पौध उपलब्ध कराई National Institute of Himalayan Environment trained farmers in protected cultivation, provided onion seedlings



अल्मोड़ा। गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान, कोसी-कटारमल, अल्मोड़ा द्वारा चलाई जा रही परियोजना ईको-स्मार्ट आदर्श ग्राम विकास परियाजना के अन्तर्गत चयनित ग्राम समूह, ज्योली के 6 ग्रामों ज्योलीशिंलिग, खड़कूना, कुज्याड़ी, दिलकोट, कनेली एवं बिसरा के 60 संरक्षित खेती के लाभाथी किसानों हेतु पर्वतीय क्षेत्रों में संरक्षित खेती द्वारा जैविक खेती को बढ़ावा विषय पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम दिनांक 10-12 जनवरी, 2023 तक आयोजित गया। प्रशिक्षण शिविर की शुरूआत संस्थान की वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं सामाजिक एवं आर्थिक विकास केंद्र की प्रमुख डा0 पारोमिता घोष ने की, उन्होंने रूपरेखा देते हुए संस्थान के ईको-स्मार्ट आदर्श ग्राम विकास परियाजना के अन्तर्गत किये जा रहे कार्यों से अवगत कराया।

प्रशिक्षण शिविर का संचालन करते हुए संस्थान की वैज्ञानिक डा0 शैलजा पुनेठा ने प्रतिभागियों को संरक्षित खेती द्वारा जैविक खेती के विभिन्न तकनीकी पहलुओं पर विस्तृत जानकारी देते हुए संरक्षित खेती के अन्दर मल्चिंग तकनीक द्वारा प्याज की खेती का प्रयोगात्मक प्रशिक्षण दिया। उन्होंने मल्चिंग खेती के लाभ बताते हुए किसानों से इसे अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। प्रशिक्षण के दौरान डा. डी. एस. चैहान ने लाभार्थिययों को विभिन्न पर्यावरण मित्र सरल एवं सस्ती तकनीकी की जानकारी दी।

परियोजना में कार्यरत डी.एस. बिष्ट ने ग्रामीणों को संरक्षित खेती में जैविक खादों के महत्व को समझाते हुए इन्हें तैयार करने की तकनीकी जानकारी दी। परियोजना के अंतर्गत संरक्षित खेती अपनाने वाले किसानों को उन्नत किस्म की प्याज की पौंध सब्सिडी दर पर उपलब्ध करायी गयी साथ ही मल्चिंग तकनीकी को बढ़ावा देने के लिए इच्छुक किसानों को मल्चिंग शीट भी उपलब्ध करायी गयी। प्रशिक्षण शिविर के समापन सत्र में संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं ग्रामीण तकनीकी परिसर प्रभारी डा. ऐ. के. साहनी ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए पारिस्थिकीय पर्यटन एवं जैविक खेती को जोड़कर आजीविका का साधन बनाने पर विस्तृत जानकारी देते हुए सफल एवं प्रगतिशील कृषकों के भी उदाहरण प्रस्तुत किये।

प्रशिक्षण शिविर में सभी ग्रामों के जनप्रतिनिधि शामिल थे जिसमें ग्राम प्रधान कुज्याड़ी श्रीमती ममता जोशी, ग्राम प्रधान कनेली श्रीमती दीपा उपाध्याय एवं प्रगतिशील कृषक एवं किसान श्री पुरस्कार विजेता मनोज उपाध्याय ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए इस क्षेत्र में संरक्षित खेती एवं जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए परियोजना के अन्तर्गत संस्थान द्वारा किये जा रहे प्रयासों हेतु धन्यवाद किया।

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