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उद्योगों में कैमिकल रिसाव की स्थिति में बचाव के लिए मेगा मॉकड्रिल कर किया अभ्यास, उद्योग, अस्पताल, पुलिस विभिन्न विभागों के संसाधन लगाए In case of chemical leakage in industries, mega mock drill exercise was done, industry, hospital, police deployed resources of different departments



रुद्रपुर ’(ऊधम सिंह नगर) उत्तराखंड, 3 जनवरी। जिलाधिकारी एवं रेस्पोंसिबल पर्सन आईआरएस युगल किशोर पंत तथा राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के विशेषज्ञ बीबी गणनायक के निर्देशन में जनपद के पांच स्थानों काशीपुर क्षेत्र में स्थित आईजीएल व नैनी पेपर मिल्स में तथा पन्तनगर में रॉकेट इण्डिया, टाटा मोटर्स, अशोक लीलैंड में कैमिकल (इण्डस्ट्रीयल) डिजास्टर पर आधारित मॉकड्रिल किया किया गया। टाटा मोटर्स, अशोक लीलैंड, नैनी पेपर्स में ऑनसाइड तथा आईजीएल, रॉकेट इण्डिया में ऑनसाइड व ऑफसाइड मॉकड्रिल का आयोजन किया गया। पंाचों उद्योगों में अपराह्न 12 बजे मॉकड्रिल शुरू हुआ।

      आपदा परिचालन केंद्र को 12ः10 बजे आईजीएल काशीपुर से मिथाइल ऑक्साइड गैस रिसाव के कारण आगजनी होने, तथा रॉकेट इण्डिया से क्लोरीन गैस रिसाव तथा अशोक लीलैंड तथा टाटा मोटर्स में प्रोपेन गैस व नैनी पैपर्स लि0 में क्लोरीन गैस रिसाव की सूचना प्राप्त होने पर जिलाधिकारी के निर्देशन में आईआरएस सिस्टम को एक्टिवेट किया गया। काशीपुर में राधे हरि स्नात्तकोत्तर महाविद्यालय को तथा रूद्रपुर में पुलिस लाइन को स्टेजिंग एरिया बनाने के साथ डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम सभागार को इमर्जेंसी ऑपरेशन सेंटर बनाया गया। इमर्जेन्सी ऑपरेशन सेंटर में में कमांड पोस्ट, कमांड स्टाफ, लोजिस्टिक सैक्शन, प्लानिंग सैक्शन, ऑपरेशन सैक्शन बनाने के साथ ही साइडों पर संचालित गतिविधियों को देखने तथा दिशा-निर्देशन हेतु दो तरफा ऑनलाइन संवाद की व्यवस्था प्रोजेक्टर के माध्यम से की गई।

      आईजीएल में मिथाइल ऑक्साइड गैस रिसाव होने की सूचना 12ः10 बजे प्राप्त होने पर फायर ब्रिगेड, एम्बुलेंस तथा एनडीआरएफ की टीमों को मौके पर भेजा गया। टीमों ने आईजीएल की सैफ्टी टीम के साथ मिलकर रेस्क्यू अभियान चलाया। रेस्क्यू अभियान में 08 प्रभावितों को अलग-अलग समय पर रेस्क्यू कर 04 एम्बुलेंस के माध्यम से एलडी भट्ट चिकित्सालय भेजा गया। गैस लीकेज रोकने के साथ ही रेस्क्यू अभियान 1ः47 बजे समाप्त हुआ।

       इसी प्रकार रॉकेट इण्डिया में क्लोरीन गैस के लीक होने तथा लगभग 50 व्यक्तियों के गैस के प्रभाव में आने की सूचना मिलने पर एनडीआरएफ, सिडक्ुल पुलिस चैकी से पुलिस, फायर टीम, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के साथ ही 05 एम्बुलेंस टीमें घटना स्थल पर भेजी गई। रेस्क्यू अभियान में, 08 व्यक्तियों को सुरक्षित तथा 10 प्रभावितों को अलग-अलग समय पर रेस्क्यू कर 05 एम्बुलेंस के माध्यम से जिला चिकित्सालय भेजा गया। गैस लीकेज रोकने के साथ ही रेस्क्यू अभियान 1ः47 बजे समाप्त हुआ।

      इमर्जेन्सी में अनावश्यक भीड़ न हो और प्रभावित को बिना किसी बाधा के उपचार मिल सके तथा तीमारदारों सहित सभी को सही से जानकारी प्राप्त हो,इसके लिए चिकित्सालय में सूचना व्यवस्था हेतु अलग से व्यवस्था की गई थी। अशोक लीलैण्ड, टाटा मोटर्स में प्रोपेन गैस, नैनी पैपर्स में ऑन साइड गैस रिसाव की सूचना प्राप्त हुई थी, जिसे कम्पनी की सैफ्टी टीम द्वारा कंट्रोल कर लिया गया।

      मॉकड्रिल में राजस्व विभाग, पुलिस विभाग, स्वास्थ्य विभाग, फायर ब्रिगेड, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ सहित आईआरएस से जुड़े अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।

      डिब्रीफिंग के दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि केमिकल आपदा से होने वाली दुर्घटनाओं से निपटने के लिए मॉकड्रिल आयोजित की गई। जिसका मुख्य उद्देश्य किसी भी केमिकल आपदा के दौरान घायल एवं चोटिल व्यक्तियों के अमूल्य जीवन की रक्षा करना, सभी एजेंसियों का रिस्पांस चेक करना व सभी स्टेक होल्डर्स के बीच आपसी समन्वय स्थापित करना है। इसके साथ ही मॉक अभ्यास द्वारा खोज, राहत एवं बचाव कार्य के संचालन में आने वाली कमियों की समीक्षा कर, उन्हें दूर करना भी है। जिलाधिकारी ने निर्देशित करते हुए कहा कि समय-समय पर जनपद की सभी छोटी-बड़ी औद्योगिक ईकाईयो को मौक अभ्यास किया जाना अनिवार्य है, जिससे कि संभावित आपदा के दौरान वह अपनी पर्याप्त तैयारियां कर सकें। जिलाधिकारी ने सभी रासायनिक आपदाओं से जुड़ी औद्योगिक इकाईयों को यह भी निर्देश दिये कि अपने क्षेत्रांतर्गत जहां भी संभावित आपदा हो सकती है, वहां पर निवास करने वाली जनता को भी निश्चित समयान्तराल पर रासायनिक आपदा के सम्बन्ध में जागरूक किया जाये तथा रासायनिक आपदाओं से बचने के उपाय तथा सहायता भी प्रदान की जाये। जिलाधिकारी ने कहा कि मॉकड्रिल का आयोजन होने वाली संभावित कमियों में सुधार के लिए ही किया जाता है।

         राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण के विशेषज्ञ बीबी गणनायक द्वारा भी मॉकड्रिल में सभी अधिकारियों को उनके दायित्वों से सम्बंधित कार्यों एवं उनके द्वारा भरे जाने वाले आईआरएस फॉर्म की जानकारी ली गई तथा मॉकड्रिल में सभी इण्डस्ट्रियों को यह भी बताया कि किस प्रकार यदि कोई ऑनसाइड इमर्जेन्सी, ऑफसाइड इमर्जेन्सी में परिवर्तित होती है तो किस प्रकार प्रशासन से संवाद स्थापित करना चाहिए और आवश्यकतानुसार किस प्रकार मदद लेनी चाहिए। अंत गणनायक ने मॉकड्रिल को एक सफल मॉकड्रिल कहते हुए भविष्य में भी इस प्रकार की बड़े मॉक अभ्यास करने के लिए कहा।

      एनडीआरएफ के सैकंड इन कमांड अनिल कुमार ने कहा कि भूकंप एवं बाढ़, आगजनी जैसी घटनाओं एवं मॉकड्रिल में एनडीआरएफ की टीम शामिल होती रही है परन्तु एनडीआरएफ द्वारा रासायनिक आपदा विषयक बड़े मॉक अभ्यास में पहली बार शामिल होना, जनपद की संभावित बड़ी रासायनिक आपदाओं से जुड़ी चुनौतियों को करीब से समझने व उनसे निपटने में सहायक होगी तथा औद्योगिक ईकाईयों से यह भी अनुरोध किया कि उनके क्षेत्र में होने वाली ऑनसाइड ऑफ साइड मॉक अभ्यास में एनडीआरएफ को भी शामिल किया जाये।

      एसएसपी मंजूनाथ टीसी ने कहा कि रासायनिक आपदाओं के दौरान खोज एवं बचाव कार्य अत्यन्त चुनौतीपूर्ण होता है। इसलिए मॉकड्रिल एक उचित मंच है, जिसमें अपनी क्षमताओं पर कार्य कर आपदा के दौरान त्वरित प्रतिवादन करते हुए जान-माल को बचाना ही हमारी प्राथमिकता है।

      मॉकड्रिल में मुख्य विकास अधिकारी एवं प्लानिंग, लॉजिस्टिक सैक्शन हैड विशाल मिश्रा, अपर जिलाधिकारी एवं इन्सीडैण्ट कमाण्डर जय भारत सिंह, लाईजनिंग ऑफीसर एवं उप जिलाधिकारी मनीष बिष्ट, स्टेजिंग एरिया मैनेजर एवं उप जिलाधिकारी कौस्तुभ मिश्र, इंसीडैंट कमाण्डर काशीपुर एवं उप जिलाधिकारी अभय प्रताप सिंह, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी उमा शंकर नेगी सहित आईआरएस से जुड़े अधिकारी एवं कर्मचारी आदि उपस्थित थे।

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