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एमबीबीएस छात्रों से 40 लाख वसूलने के विरोध में आंदोलनरत छात्रों के समर्थन में आगे आई कांग्रेस और इनैलो Congress and INLD came forward in support of the agitating students against the recovery of 40 lakh from MBBS students



सिरसा। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और इंडियन नेशनल लोकदल इनेलो के नेताओं ने हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर की अगुवाई वाली भाजपा-जजपा सरकार द्वारा छात्रों से मोटी फीस वसूलने पर नाराजगी जताते हुए आंदोलनकारी छात्रों का समर्थन किया है। इनेलो के प्रधान महासचिव एवं ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला ने प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी सरकार द्वारा एमबीबीएस में दाखिला लेने के लिए लागू की गई बाँड पॉलिसी के तहत छात्रों से 40 लाख के बाँड लेने के खिलाफ पीजीआई रोहतक में प्रदर्शन कर रहे मेडिकल के छात्र और छात्राओं को आधी रात को जबरदस्ती हिरासत में लेकर मुकदमा दर्ज करने जैसी ज्यादतियां करने को बेहद शर्मनाक और निंदनीय करार दिया है।

इनेलो नेता चौटाला ने प्रदर्शन कर रहे छात्रों का समर्थन करते हुए कहा कि भाजपा सरकार अपनी हठधर्मिता को छोडकर मेडिकल छात्रों की मांगें माने। उन्होंने 40 लाख रूपए की बाँड पालिसी शर्त को तुरंत प्रभाव से खत्म करने की मांग की है। उन्होंने प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि अगर बेरोजगारी की लाइव तस्वीर देखनी है तो आज हरियाणा के सभी जिलों के बस अड्डों पर देखी जा सकती है जहां लाखों की तादाद में बेरोजगार युवा नौकरी के लिए अनिवार्य सीईटी का पेपर देने के लिए खड़े हैं लेकिन सरकार की बदइंतजामी के कारण बच्चे अपने परीक्षा केंद्र तक नही पहुंच पाए । सरकार ने परीक्षा केंद्र गृह जिले में बनाने का वायदा किया था लेकिन 200 किलोमीटर दूर केंद्र बनाकर प्रदेश के युवाओं के साथ वायदाखिलाफी व खिलवाड़ किया है।

चौटाला ने कहा कि बाँड पालिसी के अंदर जो शर्तें रखी गई हैं वो किसी भी रूप में छात्रों के हक में नहीं हैं। बाँड पालिसी के अनुसार एमबीबीएस पूरी करने के बाद छात्रों को राज्य सरकार कोई जॉब सिक्योरिटी नहीं दे रही, दूसरा पीजी कोर्स करने के लिए अभी तक भाजपा सरकार की तरफ से किसी भी प्रकार के दिशा निर्देश नहीं दिए गए हैं, तीसरा सात साल के लिए बाँड भरवाना किसी भी रूप में न्यायसंगत नहीं है इससे एमबीबीएस कर रहे छात्रों के उच्चतम शिक्षा पर असर पड़ेगा साथ ही उनकी उन्नति और माईग्रेशन का भी नुकसान होगा। बाँड में कांट्रैक्चुअल एम्पलोइमेंट वाली शर्त भी आपत्तिजनक है। भाजपा सरकार एमबीबीएस करने वाले छात्रों से बाँड की आड़ में जबरदस्ती लाखों में फीस की वसूली कर रही है। इनेलो पार्टी भाजपा सरकार द्वारा एमबीबीएस कर रहे छात्रों पर किए जाने वाले अत्याचारों की भत्र्सना करती है और छात्रों की मांगों का पूर्ण रूप से समर्थन करती है।

चंडीगढ़ में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में हरियाणा विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हरियाणा सरकार द्वारा एमबीबीएस की फीस में बढ़ोतरी के फैसले को वापस लेने की मांग उठाई। उनका कहना है कि सरकार गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के बच्चों को मेडिकल शिक्षा से वंचित करना चाहती है। इसलिए कभी उनके ऊपर 40 लाख के बॉन्ड की शर्त थोप दी जाती है तो कभी फीस को 50 हजार से बढ़ाकर सीधा 10 लाख कर दिया जाता है। लगातार विद्यार्थी इसका विरोध कर रहे हैं। विपक्ष ने भी सड़क से लेकर विधानसभा तक में इस मुद्दे को उठाया है। लेकिन प्रदेश सरकार विद्यार्थियों की मांग मानने को तैयार नहीं है। शुक्रवार को चंडीगढ़ से जारी एक बयान में पूर्व सीएम ने सीईटी के परीक्षा केंद्र दूर-दूर दिए जाने पर भी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने विपक्ष ने जब विधानसभा में इस मुद्दे को उठाया था तो सरकार ने खुद गृह जिले या साथ लगते जिले में परीक्षाएं करवाने की हामी भरी थी। एक बार फिर अपने वादे से मुकरते हुए सरकार ने बेरोजगार युवाओं को प्रताड़ित करने का काम किया है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मुफ्त बस सेवा के रजिस्ट्रेशन को लेकर भी हर जगह हजारों युवाओं की भीड़ उमड़ रही है। जिस समय विद्यार्थियों को परीक्षा की तैयारी करनी थी, वह समय उन्हें लंबी-लंबी कतारों में बर्बाद करना पड़ा। हुड्डा ने कहा कि इस सरकार के पास युवाओं को राहत देने का कोई रोडमैप नहीं है। बल्कि सरकार का हर फैसला युवाओं की परेशानी बढ़ाने वाला साबित होता है। हुड्डा ने आदमपुर उपचुनाव में कांग्रेस की जीत का दावा किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने पूरे दमखम और मुद्दों के आधार पर चुनाव लड़ा। पार्टी उम्मीदवार जयप्रकाश जेपी को समाज के हर तबके और 36 बिरादरी का समर्थन हासिल हुआ।

दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण के संबंध में पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा ने कहा कि इसके लिए सिर्फ पराली और किसानों को जिम्मेदार ठहराना सही नहीं है। प्रदूषण बढ़ाने में सबसे बड़ा योगदान फैिक्ट्रयों, वाहनों और अन्य कारकों का होता है। दिल्ली, हरियाणा और पंजाब की सरकारें अपनी जिम्मेदारी निभाने में नाकाम हैं। अपनी नाकामी को छिपाने के लिए किसानों के सिर पर ठीकरा फोड़ा जा रहा है। हर सीजन में सरकार किसानों को पराली की खरीद और उसके निपटान का वादा करती है। लेकिन इसको अमलीजामा नहीं पहनाया जाता। कुछ जगह मजबूरी में या फिर दुर्घटनावश पराली में आग लग जाती है। लेकिन इसके लिए किसानों से जुर्माने के नाम पर करोड़ों रुपये की वसूली हो रही है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। किसानों पर जुर्माना थोपने की बजाय सरकार को समस्या का कोई समाधान निकालना चाहिए।

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