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चंद्रयान की सफलता, इसरो और नासा से जुड़ाव सहित अनेक बड़े-बड़े दावे करने वाले गुजरात के मितुल चतुर्वेदी जांच एजेंसियों की पकड़ से बाहर Gujarat's Mitul Chaturvedi, who made many tall claims including Chandrayaan's success, ISRO and NASA's association, is out of the grip of the investigating agencies



सूरत। चंद्रयान की सफलता का श्रेय लेने की होड़ लगी है। वैज्ञानिक इस पर कम बोले, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी पार्टी, संगठन, सहयोगी-समर्थकों ने इसे मोदी की उपलब्धि बताने में बेशर्मी और हांकने की सभी सीमाएं तोड़ दीं। यही नहीं संकीर्ण और घृणित सोच के इन लोगों ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के संस्थापक पं. जवाहर लाल नेहरू और प्रो. विक्रम साराभाई को अपमानित करने में भी कसर नहीं छोड़ी। उपर्युक्त लोगों ने साराभाई की पत्नी और बेटियों को बेइज्जत, अपमानित किया। खैर.. चंद्रयान की सफलता का श्रेय लूटने के इस सिलसिले में गुजरात के एक जनाब ने खूब लंबी-लंबी हांकी और जब उनके दावों की पुष्टि के लिए उनसे संपर्क करने का प्रयास किया गया तो वे भूमिगत हो गये। खुद को इसरो से जुड़ने का दावा करने वाले सूरत निवासी मितुल त्रिवेदी ने चंद्रयान 3 के डिजाइन तैयार करने की बात कही थी, मगर अब वह जांच अधिकारियों से बच रहे हैं। चंद्रयान 3 के डिजाइन तैयार करने को लेकर सुर्खियां बटोरने वाले मितुल त्रिवेदी अब गायब हैं।

बताया जाता है कि त्रिवेदी के आवास पर ताला लगा हुआ है और उनका फोन भी बंद है, जिससे उनके दावों को लेकर शंका और बढ़ गई है। त्रिवेदी के दावों की जांच अब पुलिस की सूरत अपराध शाखा को सौंप दी गई है। अधिकारियों ने संकेत दिया है कि हालांकि त्रिवेदी के दावे से नुकसान कुछ नहीं है, वे उनके बढ़ा-चढ़ाकर बयान देने की प्रवृत्ति को उजागर करते हैं। त्रिवेदी के बयानों की जांच पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) हेतल पटेल को सौंपी गई थी। शहर के पुलिस आयुक्त के कार्यालय तक पहुंचने के बावजूद, त्रिवेदी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के साथ अपने कथित जुड़ाव को साबित करने वाला कोई भी दस्तावेज उपलब्ध कराने में असमर्थ रहे।

मालूम हो कि मितुल त्रिवेदी ने चंद्रयान-3 मिशन के बाद अपनी भागीदारी के दावे कर ध्यान आकर्षित किया था। उन्होंने जोर देकर कहा कि लैंडर के उनके डिजाइन में पारंपरिक लैंडर के विपरीत, लैंडिंग पर धूल के बिखरने को रोकने वाली एक अनूठी विशेषता शामिल थी। उन्होंने यह भी कहा कि वह 2011 से इसरो और 2013 से नासा से जुड़े हुए हैं। उन्होंने अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के 2024 चंद्र मानव मिशन और इसरो के आदित्य एल1 और गगनयान मिशन डिजाइन परियोजनाओं में भूमिका का दावा भी किया।

बताया जाता है कि त्रिवेदी की कथित शैक्षणिक उपलब्धियों में भौतिकी में बीएससी और एमएससी, और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में क्वांटम भौतिकी में अध्ययन, और पीएचडी के लिए ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में मानव विज्ञान और वेदांत शामिल हैं। उन्होंने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की सदस्यता और 45 प्राचीन भाषाओं को पढ़ने की क्षमता का भी दावा किया थाा। त्रिवेदी की प्रसिद्धि तब बढ़ी जब उनके शिक्षक अर्जुन पटेल से बात करते हुए एक ऑडियो क्लिप वायरल हो गई। इससे पहले त्रिवेदी ने दक्षिण गुजरात में ओलपाड के पास समुद्र में द्वारिका नाम की स्वर्ण नगरी होने का दावा किया था।


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