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इंटरार्क प्रबंधन हाईकोर्ट के आदेश, संविधान की धज्जियां उड़ा कर रहा श्रमिकों का उत्पीड़न, समझौता लागू कराने में ऊधम सिंह नगर जिला प्रशासन विफल, 7 मई को मजदूर निकालेंगे मार्च Harassment of workers flouting the constitution, orders of Interarch Company High Court, Udham Singh Nagar district administration failed to implement the agreement, workers will take out march on May 7



रुद्रपुर (ऊधम सिंह नगर) उत्तराखंड 1 मई। जिला प्रशासन की मध्यस्थता में इंटरार्क कंपनी प्रबंधन व यूनियन प्रतिनिधियों के मध्य हुवे समझौते के उल्लंघन के खिलाफ अब महिलाएं मुखर हो गई हैं। जिला प्रशासन हाईकोर्ट के आदेश और खुद की मध्यस्थता में हुए समझौते को लागू कराने में विफल हो गया है। इससे मजदूरों में भारी गुस्सा है। 15 दिसंबर 2022 को एडीएम, एसपी और एएलसी आदि की मध्यस्थता में सभी निलंबित और बर्खास्त 64 श्रमिकों की कार्यबहाली करने और 1700 रुपये वेतन वृद्धि करने की मांग को लेकर लिखित समझौता हुवा था। इस वार्ता में भारतीय किसान यूनियन (टिकैत )के प्रदेश स्तर के सभी बड़े पदाधिकारियों ने भी मध्यस्थता की थी। किंतु कंपनी प्रबंधन उक्त समझौते से पूरी तरह से मुकर गया है। समझौते के तहत 3 माह की ओडी पूरी करके जब 28 मजदूर 3 अप्रैल 2023 को  सिडकुल पंतनगर एवं किच्छा स्थित मूल प्लांट में ड्यूटी के लिए पहुंच तो उनकी गेटबंदी कर दी गई तथा बताया गया कि उत्तराखंड राज्य से बाहर उनका स्थानांतरण कर दिया गया है। समझौते के अनुसार मजदूरों की वेतन वृद्धि भी नहीं की जा रही है।



इंटरार्क कंपनी प्रबंधन के इस गैरकानूनी निर्णय के खिलाफ मजदूरों ने जिला प्रशासन और श्रम विभाग हर जगह कई बार गुहार लगाई। किंतु कोई सुनवाई न हुई। उक्त 28 मजदूर करीब एक महीने से कार्यबहाली को दर -दर भटक रहे हैं लेकिन उनकी कोई सुनने वाला नहीं है। अब मजदूरों के परिवार की महिलाएं भी सड़कों पर उतरने को विवश हैं। 1 मई 2023 को महिलाओं द्वारा जिलाधिकारी ऊधमसिंह नगर से मुलाकात की और करीब 700 महिलाओं के हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन सौंप कर जिला प्रशासन की मध्यस्थता में हुए समझौते को लागू कराकर सभी 28 मजदूरों की सवैतनिक कार्यबहाली कराने और वेतन वृद्धि करने की मांग की। महिलाओं ने आरोप लगाया कि एडीएम, एसपी और एएलसी जैसे जिला स्तर के बड़े बड़े अधिकारियों की मध्यस्थता हुवे उक्त समझौते पर इंटरार्क कंपनी प्रबंधन सरेआम कालिख पोत रहा है फिर भी जिला प्रशासन मौन है। इंटरार्क यूनियन की याचिका पर उच्च न्यायालय उत्तराखंड द्वारा जुलाई 2020 में दिए आदेश में मजदूरों का उत्तराखंड राज्य से बाहर ट्रांसफर करने पर रोक लगाई हुई है। उत्तराखंड राज्य के मॉडल स्टैंडिंग ऑर्डर और इंटरार्क कंपनी के प्रमाणित स्थायी आदेश में भी मजदूरों के उत्तराखंड राज्य से बाहर ट्रांसफर करना प्रतिबंधित है। इसके बावजूद कंपनी प्रबंधन द्वारा उत्तराखंड उच्च न्यायालय के जुलाई 2020 को दिए उक्त आदेशों को ताक पर रखकर और भारत के कानूनों का उल्लंघन कर मजदूरों का उत्तराखंड राज्य से बाहर ट्रांसफर कर कर्मचारियों और कानून से मनमानी की जा रही है।

इस मामले में जिला प्रशासन मूकदर्शक बन पीड़ित मजदूरों को ही शांति बनाए रखने की नसीहत दे रहा है। महिलाओं ने सवाल उठाया कि जिला प्रशासन उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश और भारत के उक्त कानूनों को लागू करा मजदूरों के ट्रांसफर पर आखिर रोक क्यों नहीं लगा रहा है ? महिलाओं ने चेतावनी दी कि यदि उत्तराखंड हाईकोर्ट के उक्त आदेश को और भारत देश के उक्त कानून को एवं जिला प्रशासन की मध्यस्थता में हुए उक्त समझौते को लागू कराकर सभी 28 मजदूरों की सवैतनिक कार्यबहाली न की गई और वेतन वृद्धि न की गई तो 7 मई 2023 को महिलाओं द्वारा मजदूरों व क्षेत्र की जनता के साथ में अंबेडकर पार्क रुद्रपुर से जिलाधिकारी आवास तक विशाल पदयात्रा निकाली जाएगी और निर्णायक संघर्ष की ओर आगे बढ़ा जायेगा ।

कार्यक्रम में शामिल सामाजिक कार्यकर्ता सुब्रत विश्वास, जोशना साहु, शोभा देवी, प्रतीमा देवी, नमिता देवी, राजकुमारी, कांति, मेघा शर्मा, नीलम वर्मा, रविंद्र कौर प्रगतिशील महिला एकता केंद्र, संगीता देवी, नीलम, विमला देवी, गीता देवी, शीतल, पुष्पा, उमा देवी सहित दर्जनों महिलाएं शामिल थीं।

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