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हिमालयी पर्यावरण संस्थान ग्रामीण तकनीकी परिसर में कृषकों ने जानी खेती, आजीविका कमाने की आधुनिक तकनीकें Farmers learned farming, modern techniques of earning livelihood in the Himalayan Environmental Institute Rural Technical Complex



अल्मोड़ा, 6 फरवरी। गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान, कोसी-कटारमल के ग्रामीण तकनीकी परिसर कोसी में सोसायटी फॉर एडवान्समेंट इन एग्रीकल्चरल टैक्नोलॉजी और डैबलैपमेंन्ट संस्था, बागेश्वर द्वारा चयनित गरूड़ विकासखण्ड के 20 कृषकों हेतु एक दिवसीय प्रशिक्षण एवं जागरूकता शिविर आयोजित किया गया। शिविर को संबोधित करते हुए संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं ग्रामीण तकनीकी प्रभारी डा. अशोक कुमार साहनी ने संस्थान द्वारा किसानों की कार्यक्षमता वृद्धि के क्षेत्र में किये जा रहे कार्यों की जानकारी देतु संस्थान के ग्रामीण तकनीकी परिसर में प्रशिक्षण विषयों एवं उपलब्ध तकनीकी प्रदर्शन, प्रयोगात्मक प्रशिक्षणों पर विस्तृत जानकारी दी।

डा. साहनी एवं समन्वित मत्स्य पालन विशेषज्ञ डा. दीपा बिष्ट द्वारा ग्रामीण तकनीकी परिसर में प्रदर्शित विभिन्न कम लागत की सरल एवं पर्यावरण मित्र तकनीकों मॉडलों जैसे- पिरूल से कोयला, बायोब्रिकेट बनाना, विभिन्न प्रकार की जैविक खाद (वर्मी कम्पोस्ट, बायोकम्पोस्ट, हीप कम्पोट, इत्यादि) तैयार करना, एकीकृत मछली पालन, संरक्षित खेती जैसे- पौलीहाउस, पौलीटनल, नैट हाउस, इत्यादि, नदकी फसल, नर्सरी विकास, उद्यानीकरण विषय जानकारी प्रदान की। 

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