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अपेक्स बिल्डसिस, जसमृत डिजाइनर सिडकुल में कोर्ट के आदेश पर भी मजदूरों की बहाली नहीं करा पाए डीएम, कुमाऊं आयुक्त, एरा श्रमिक संगठन ने सत्याग्रह कर किया संघर्ष का ऐलान Rudrapur Despite court orders, the DM, Kumaon Commissioner, and ERA workers' union failed to reinstate workers at Apex Buildsis and Jasmrit Designers in Sidcul. They held a Satyagraha and declared a protest



रुद्रपुर (ऊधम सिंह नगर) उत्तराखंड, 2 अक्टूबर 2025। अपेक्स बिल्डसिस लिमिटेड, प्लॉट -11,सेक्टर-09 सिडकुल पंतनगर, जिला ऊधमसिंह नगर (उत्तराखंड) के 102 स्थाई मजदूरों और उनके परिवार की महिलाओं द्वारा गाँधी पार्क रुद्रपुर में मजदूर सत्याग्रह किया गया। मजदूरों की पंजीकृत यूनियन एरा श्रमिक संगठन के तत्वावधान में आयोजित सत्याग्रह में शासन प्रशासन से राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधीकरण (एनसीएलटी National Company Law Tribunal) के आदेश को लागू कराके 8 साल से बेरोजगारी की मार झेल रहे 102 स्थाई मजदूरों की सवेतन कार्यबहाली कराने की एक स्वर में मांग की गईं।

एरा श्रमिक संगठन के महामंत्री दिनेश कुमार ने कहा कि कम्पनी मालिक द्वारा जुलाई 2017 को कंपनी की मिलबंदी करके 102 स्थाई मजदूरों को अचानक बेरोजगार करके भविष्य बर्बाद कर दिया था। उसके बाद पीड़ित मजदूर हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट और एनसीएलटी में कानूनी लड़ाई लड़ते रहे। अंततः एनसीएलटी की दिल्ली शाखा के निर्देशन में हुई निलामी प्रक्रिया के तहत अपेक्स बिल्डसिस लिमिटेड कारखाने के स्वामित्व और प्रबंधन को जसमृत डिजाइनर प्राइवेट लिमिटेड को कारखाने के सभी श्रमिकों व कर्मचारियों सहित हस्तगत किया गया। यह कारखाने के स्वामित्व व प्रबंधन में हुए उपरोक्त हस्तांतरण में तैयार किये गये दस्तावेजों में स्पष्ट रूप से दर्ज है। उक्त दस्तावेज हमें लोक सूचना अधिकारी/सहायक श्रमायुक्त रुद्रपुर द्वारा सूचना के अधिकार अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गईं सूचना के जवाब में प्रदान किये हैं। किंतु कंपनी मालिक द्वारा  भारत देश के राष्ट्रीय स्तर के कोर्ट एनसीएलटी कोर्ट के आदेशों को ठेंगा दिखा दिया है। एनसीएलटी कोर्ट द्वारा कराई गईं निलामी कार्यवाही में वर्णित शर्तों के अनुसार पुराने 102 स्थाई मजदूरों को कार्य पर बहाल कराने के स्थान पर कंपनी द्वारा गैरकानूनी रूप से नई भर्ती करके कारखाने को चलाया जा रहा है।

श्रमिक संयुक्त मोर्चा ऊधमसिंह नगर के महासचिव चंद्रमोहन लखेड़ा ने कहा कि उत्तराखंड / उत्तर प्रदेश औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 और भारत देश के औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 में स्पष्ट रूप से दर्ज है कि जब भी किसी कारखाने की मिलबंदीध्तालाबंदी समाप्त करके उसे पुनः चालू किया जायेगा, तो छंटनीशुदा श्रमिकों को सर्वप्रथम नियोजन में बहाल किया जायेगा। किन्तु कारखाने के सेवायोजक द्वारा कारखाने में नई भर्ती करके उत्पादन कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है। जो कि श्रम कानूनों का घोर उल्लंघन है। एरा श्रमिक संगठन के संगठन मंत्री सुनील देवल ने कहा कि अनगिनत बार शिकायत करने, श्रम विभाग में विगत कई माह से वार्ता होने के बावजूद भी पुराने 102 श्रमिकों को कार्य पर बहाल नहीं किया जा रहा है। लेकिन सहायक श्रमायुक्त रुद्रपुर द्वारा एनसीएलटी के उक्त आदेश और श्रम कानूनों को लागू कराने के स्थान पर सेवायोजक के इशारे पर मामले को लटकाया और भटकाया जा रहा है। पहले उच्च न्यायालय का गलत हवाला देकर वार्ता स्थगित कर दी गईं। फिर हाईकोर्ट के आदेश पर वार्ता को चालू करना पड़ा है। इसके बाद भी सहायक श्रमायुक्त अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं।एनसीएलटी द्वारा बार बार दोनों पक्षों से लिखित कथन और एनसीएलटी द्वारा कराई गईं उक्त निलामी के दस्तावेज प्रस्तुत करने का निर्देश देकर वार्ता आगे बढ़ा दी जा रही है। जबकि हम श्रमिक कई बार उक्त विषय में लिखित कथन उपरोक्त संबंधित दस्तावेजों के साथ में प्रस्तुत कर चुके हैं। इसके पश्चात भी अगली वार्ता में पुनः लिखित कथन और दस्तावेज प्रस्तुत करने का निर्देश दिया जा रहा है 

एरा श्रमिक संगठन के अध्यक्ष सुरेश कुमार ने कहा कि हम पीड़ित श्रमिक उपरोक्त मामले को लेकर कुमायूँ आयुक्त महोदय और जिलाधिकारी महोदय से भी मिल चुके हैं। उन्होंने भी यही कहा था कि एनसीएलटी द्वारा कराई गईं निलामी के दौरान स्वामित्व व प्रबंधन में किये गये हस्तांतरण में तैयार दस्तावेजों में स्पष्ट रूप से दर्ज होने के बाद भी श्रमिकों को काम पर नहीं रखना ये तो गलत बात है। कुमाऊं आयुक्त महोदय ने तो हमें आश्वासन दिया था कि वो इस प्रकरण में तत्काल हस्तक्षेप करके श्रम विभाग को नोटिस जारी करेंगे और एनसीएलटी के आदेश को लागू कराने को कहेंगे। किंतु अभी भी सभी 102 मजदूर न्याय की उम्मीद लगाये हैं। कहा कि आज की तिथि तक भी उपरोक्त कारखाने का नाम परिवर्तन नहीं किया गया है। सरकारी विभागों के दस्तावेजों में और कंपनी के मुख्य द्वार पर आज भी कारखाने का नाम अपेक्स बिल्डसिस लिमिटेड ही लिखा हुआ है। यह प्रकरण भी संदिग्ध प्रतीत हो रहा है। इसकी जाँच कराना भी न्यायहित में अति आवश्यक है।

सीएसटीयूं के केंद्रीय महासचिव मुकुल और इंकलाबी मजदूर केंद्र के कैलाश चंद्र ने कहा कि एनसीएलटी की मध्यस्थता में कम्पनी की हुई नीलामी के बाद कंपनी के स्वामित्व व प्रबंधन में हुए हस्तान्तरण में दर्ज शर्तों का उल्लंघन करने का यह प्रकरण घोखाधड़ी का स्पष्ट मामला है। इसलिए जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन को तत्काल कंपनी मालिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके विधिक कार्यवाही अमल में लानी चाहिए थी। कंपनी की मिलबंदी खुलने पर कानून के तहत पुराने 102 स्थाई मजदूरों को भर्ती करने के स्थान पर नई भर्ती करके कम्पनी चलाने के उपरोक्त गैरकानूनी करके औद्योगिक विवाद अधिनिय 1947 के उपरोक्त उल्लंघन में लिप्त कम्पनी मालिक के खिलाफ श्रम विभाग को तत्काल कानूनी कार्यवाही करनी चाहिए थी। किंतु भाजपा राज में ऐसा नहीं होना स्पष्ट इंगित कर रहा है कि कंपनी मालिक को शासन प्रशासन का खुला संरक्षण मिला हुआ है। सामूहिक संघर्ष ही इसका सही इलाज है।

वक्ताओं चेतावनी दी गईं कि यदि 8 अक्टूबर 2025 को एनसीएलटी रुद्रपुर की मध्यस्थता में हुई वार्ता में समस्या का समाधान ना हुआ वो महिलाओं के नेतृत्व में सभी श्रमिक कंपनी गेट पर धरना देने और निर्णायक कदम उठाने को विवश होंगे। जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी। समाजसेवी सुब्रत कुमार विश्वास और आम आदमी पार्टी की महिला जिलाध्यक्ष किरन विश्वास पांडे ने कहा कि मजदूर न्याय और अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं। इसलिए हम पूरी तरह से मजदूरों के साथ खड़े हैं। यदि मजदूर कंपनी गेट पर धरना शुरू करेंगे तो तब भी हम उन्हें पूर्ण सहयोग देंगे।

कार्यक्रम में श्रमिक संयुक्त मोर्चा के महासचिव चंद्र मोहन लखेड़ा, एरा श्रमिक संगठन के अध्यक्ष सुरेश कुमार, महामंत्री दिनेश कुमार, इंकलाबी मजदूर केंद्र के कैलाश, दिनेश, सीएसटीयूं के केंद्रीय महासचिव मुकुल, समाजसेवी सुब्रत कुमार विश्वास, आम आदमी पार्टी की महिला जिलाध्यक्ष किरन पांडे विश्वास, इंटरार्क मजदूर संगठन के महामंत्री सौरभ कुमार, करोलिया लाइटिंग ईंप्लाइज यूनियन के शैलेश कुमार, नेकपाल, रॉकेट रिद्धि सिद्धि के मेहरबान सिंह, नंदा बल्लभ, एडविक कर्मचारी संगठन के सुधीर कुमार, समता सैनिक दल के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल सिंह गौतम, राजेश कुमार के साथ साथ एरा श्रमिक संगठन के रेखा देवी, ललिता देवी, गंगा देवी, प्रेमवती, गीतापाल, दीपा, शकुंतला पाल सहित एपेक्स कम्पनी के दर्जनों अन्य मजदूर शामिल थे।

विज्ञप्ति जारी कर्ता -दिनेश कुमार. महामंत्री एरा श्रमिक संगठन मो. 9759051355


प्रस्तुति: एपी भारती (पत्रकार, संपादक पीपुल्स फ्रैंड, रुद्रपुर, उत्तराखंड)

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