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स्वच्छ पेयजल के महत्व पर राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद ने ग्रामीणों को किया जागरूक National Institute of Himalayan Environment, Council of Science and Technology made the villagers aware about the importance of clean drinking water



अल्मोड़ा (उत्तराखंड)। वर्तमान समय में विभिन्न प्राकृतिक संसाधनों में से जल एक प्रमुख एवं अति आवश्यक संसाधन है यह किसी भी समुदाय की प्राथमिकताओं में एक प्रमुख स्थान रखता है। स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता मानव जीवन की समृद्धि एवं स्वास्थ्य दोनों पर सीधा प्रभाव डालता है। हिमालय मे विभिन्न प्राकृतिक संसाधन मानव जनित दबावों के फलस्वरूप खतरे में हैं। पर्याप्त वर्षा से सम्पन्न होने के बावजूद हिमालय के अधिकांश भू भाग घरेलू एवं कृषि दोनों उदेश्यों हेतु जल संकट से जूझ रहे हैं साथ ही वर्तमान समय में जल प्रदूषण एक गंभीर समस्या के रूप मे उभर रहा है, जोकि विभिन्न प्रकार की बीमारियों का जनक है, जिस हेतु राज्य सरकार द्वारा विभिन्न कदम उठाए जा रहे हैं। इसी संदर्भ मे गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान कोसी कटारमल, अल्मोड़ा एवं उत्तराखंड विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद देहरादून ने चंपावत जनपद के अति दुर्गम एवम सीमांत ग्राम खिरद्वारी में 26 नवम्बर 2022 को स्वच्छ पेयजल की महत्ता एवं इससे स्वास्थ्य पर होने वाले दुष्प्रभावो हेतु जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया ।

जागरूकता कार्यक्रम का उद्देश्य स्वच्छ पेयजल की महत्ता एवं स्वास्थ्य पर होने वाले दुष्प्रभावों हेतु जागरूकता तथा जल गुणवत्ता परीक्षण पर व्यवहारिक प्रशिक्षण देना था। कार्यक्रम में पर्यावरण संस्थान से वैज्ञानिक डॉ आशीष पाण्डेय व शोधार्थी नरेंद्र सिंह परिहार एवं बसंत सिंह विद्यालय के प्रधानाध्यापक धनेश चंद्र ध्यानी, ग्राम प्रधान सचिन उपस्थित रहे।

गांव के लगभग 30 नागरिकों तथा विद्यालय के छात्र छात्राओं ने प्रतिभाग किया जिसमें अधिकांश लोग वनराजि जनजाति के थे। यहां वैज्ञानिक डॉ आशीष पाण्डेय ने स्वच्छ पेयजल की पहचान, महत्व, साथ ही स्वास्थ्य पर होने वाले विभिन्न दुष्प्रभावों के बारे मे विस्तार से सरल भाषा में ग्रामीणों को अपने संबोधन द्वारा समझाया, और ये भी बताया पेयजल की पहचान कैसे करनी है व स्वास्थ्य और स्वास्थ्य पर होने वाले बुरे प्रभावों से कैसे बचाव किया जा सकता है। विद्यालय के प्रधानाध्यापक धनेश ध्यानी ने लोगों से स्वच्छता का ध्यान रखने की अपील की। संचालन नरेंद्र सिंह परिहार ने किया, तथा साथ ही ये भी बताया कि इस परामर्श और जागरूकता कार्यशाला के आधार पर चम्पावत क्षेत्र में पेयजल के मुद्दों और चुनोतियो पर एक व्यापक रिपोर्ट तैयार की जाएगी, जिससे निकट भविष्य मे इन समस्याओं से निजात पाई जा सके और इनसे होने वाले बुरे प्रभावों की रोकथाम की जा सके।

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