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डोनाल्ड ट्रंप ने मोदी, शहबाज, मुनीर की तारीफ की, अमेरिकी दबाव में भारत ने रूस से तेल खरीद घटाई, अमेरिका से आयात बढ़ाया, ट्रंप का दावा सही साबित, कांग्रेस बोली, 56 इंची सीना सिकुड़ा Donald Trump praised Modi, Shahbaz, and Munir. Under US pressure, India reduced oil purchases from Russia and increased imports from the US. Trump's claim proved correct. Congress said, The 56-inch chest has shrunk



सियोल (दक्षिण कोरिया), वाशिंगटन। कुछ दिन पहले डोनाल्ड ट्रंप द्वारा किया गया यह दावा सही साबित हो गया कि नरेंद्र मोदी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि वह रूस से तेल खरीद बंद करेंगे। मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस और सरकारी तेल कंपनी इंडियन आयल ने रूस से तेल खरीद कम करने की घोषणा हाल ही में की है। आंकड़े से पता चलता है कि अक्टूबर में रूस से तेल आयात काफी कम हुआ है और अमेरिका से ज्यादा खरीद हुई है। इससे ट्रंप की बात सही और भारतीय विदेश मंत्रालय की घुमा-फिराकर कही बातें गलत सिद्ध हो गई हैं। नरेंद्र मोदी और उनके सहयोगियों की ट्रंप के बयानों पर चुप्पी इस बात का संकेत है कि किन्हीं कारणों से भारत सरकार ट्रंप प्रशासन के दबाव में है इसलिए भारत सरकार लगातार भारत की बेइज्जती सह रही है।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की, वहीं दूसरी ओर व्यापार के दम पर भारत-पाक संघर्ष रुकवाने का अपना दावा भी दोहराया। दक्षिण कोरिया के ग्योंगजू में एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपेक) के सीईओ शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी बहुत ही उम्दा व्यक्ति हैं... वह ऐसे व्यक्ति हैं जिनमें आप अपने पिता की छवि देखते हैं... वह बहुत प्रभावी हैं... वह बहुत सख्त हैं।’ ट्रंप ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर की भी तारीफ की और उन्हें बेहतरीन योद्धा और अच्छा इंसान बताया। ट्रंप ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की भी तारीफ की।

भारत-पाक सीजफायर को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति ने दावा दोहराया कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और पाकिस्तान के सेना प्रमुख को फोन करके कहा था कि आप लड़ते रहेंगे तो आपके साथ व्यापार नहीं करेंगे। ट्रंप के अनुसार, दोनों ने उनकी बात पहले नहीं मानी, लेकिन फिर दो दिन बाद फोन कर संघर्ष रोकने की बात कही। इन टिप्पणियों से कुछ घंटे पहले टोक्यो में ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने सिर्फ 24 घंटे में युद्ध रुकवा दिया था। ट्रंप अक्सर अपने बयानों में विरोधाभास के लिए जाने जाते हैं। टोक्यो में मंगलवार को कारोबारियों के साथ रात्रिभोज के दौरान ट्रंप ने कहा, सात विमान गिरा दिए गए थे, सात ब्रांड न्यू, खूबसूरत विमान और वे दो बड़ी परमाणु शक्तियां आपस में भिड़ रही थीं। उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि विमान किस देश के थे।

दक्षिण कोरिया में ट्रंप ने अमेरिका और भारत के बीच प्रस्तावित व्यापार समझौते पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा, यदि आप भारत और पाकिस्तान की बात करें... तो मैं भारत के साथ व्यापार समझौता कर रहा हूं। प्रधानमंत्री मोदी के लिए मेरे मन में बेहद सम्मान एवं स्नेह है, हमारे बीच बहुत अच्छे संबंध हैं।

ट्रंप के बयान को लेकर कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष किया। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा, यह 56वीं बार है जब राष्ट्रपति ट्रंप ने ऑपरेशन सिंदूर को अचानक रोकने की बात सार्वजनिक रूप से उठाई। खुद का 56 इंच का सीना बताने वाले का सीना अब पूरी तरह सिकुड़ चुका है और पूरी तरह बेनकाब होने के बाद भी वह चुप हैं। कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री को चुनौती दी कि वह बिहार में चुनाव प्रचार के दौरान यह कहकर दिखाएं कि ट्रंप झूठ बोल रहे हैं। राहुल ने एक्स पर पोस्ट किया, ट्रंप देश-दर-देश मोदी का अपमान कर रहे हैं।... मोदी जी, डरिए मत। जवाब देने का साहस जुटाओ।

इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि भारत रूस से तेल खरीदना बंद करने जा रहा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत रूसी तेल खरीद में पूरी तरह से कटौती कर रहा है, जबकि चीन काफी हद तक कटौती करेगा। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ मुलाकात के दौरान रूसी तेल का मुद्दा उठाने के बारे में पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए, ट्रंप ने कहा कि वह उनके साथ रूसी तेल खरीद पर चर्चा कर सकते हैं। मैं इस पर चर्चा कर सकता हूं। चीन रूसी तेल खरीद में काफी हद तक कटौती कर रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति और उनका प्रशासन पिछले कुछ दिनों से दावा कर रहे हैं कि भारत ने आश्वासन दिया है कि वह रूस से अपने तेल आयात में उल्लेखनीय कमी लाएगा। हालांकि भारत यह कहता रहा है कि उसकी ऊर्जा नीति उसके अपने राष्ट्रीय हितों, खासकर अपने उपभोक्ताओं के लिए किफायती और सुरक्षित आपूर्ति सुनिश्चित करने से प्रेरित है। लेकिन इस तरह के बयान बेमानी से लगते हैं क्योंकि इनमें कोई स्पष्टता नहीं है और अमेरिकी दावों को नकारा तो विल्कुल नहीं गया है।

अमेरिका का दावा है कि भारत, मॉस्को से कच्चा तेल खरीदकर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की यूक्रेन युद्ध के वित्तपोषण में मदद कर रहा है। ट्रंप द्वारा भारतीय वस्तुओं पर शुल्क (टैरिफ) को दोगुना करके 50 प्रतिशत कर देने के बाद, जिसमें भारत द्वारा रूसी कच्चे तेल की खरीद पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क भी शामिल है, नई दिल्ली और वाशिंगटन के बीच संबंध तनावपूर्ण हैं। भारत ने अमेरिका के इस कदम को अनुचित और अविवेकपूर्ण तो बताया लेकिन अमेरिका की बात मानने से इनकार नहीं किया है।

ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष को सुलझाने का दावा किया है। ट्रंप ने कहा कि उन्हें लगता था कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष सहित अन्य युद्धों को सुलझाना मुश्किल होगा तथा रूस और यूक्रेन युद्ध को सुलझाना आसान होगा, लेकिन वह गलत थे। 10 मई को, जब ट्रंप ने सोशल मीडिया पर घोषणा की थी कि वाशिंगटन की मध्यस्थता में हुई बातचीत के बाद भारत और पाकिस्तान पूर्ण और तत्काल संघर्षविराम पर सहमत हो गए हैं, तब से उन्होंने दर्जनों बार अपने इस दावे को दोहराया है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष के समाधान में मदद की है।

भारत ने लगातार यह कहा है कि पाकिस्तान के साथ शत्रुता समाप्त करने पर सहमति दोनों सेनाओं के सैन्य संचालन महानिदेशक (डीजीएमओ) के बीच सीधी बातचीत के बाद बनी थी। पहलगाम हमले के बाद भारत ने सात मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था, जिसके तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ढांचों को निशाना बनाया गया था। जबाव में पाकिस्तान ने भी कश्मीर के विभिन्न इलाकों में हमले किए जिसमें करीब डेढ़ दर्जन भारतीय नागरिक मारे गए और कई दर्जन घायल हो गए। जमीनी नुक्सान अलग हुआ। लेकिन नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार के मंत्री, सहयोगी आपरेशन सिंदूर को बड़ी कामयाबी बताकर वोट मांगते फिर रहे हैं।

हाल ही में व्हाइट हाउस ने दावा किया है कि भारत ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अनुरोध पर रूस से तेल आयात को कम करना शुरू कर दिया है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलीन लेविट ने बृहस्पतिवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, अगर आप रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों को देखें, तो वे काफी सख्त हैं। वह यह बात रूस की दो सबसे बड़ी तेल कंपनियों रोसनेफ्ट और लुकोइल पर बुधवार को लगाए गए अमेरिकी प्रतिबंधों के संदर्भ में कह रही थीं। ये प्रतिबंध रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच मॉस्को के प्रमुख राजस्व स्रोतों को सीमित करने के प्रयास का हिस्सा हैं।

लेविट ने कहा, मैंने कुछ अंतरराष्ट्रीय खबरें देखी हैं जिनमें कहा गया है कि चीन रूस से तेल की खरीद घटा रहा है हमें पता है कि भारत ने भी राष्ट्रपति के अनुरोध पर ऐसा किया है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलीन लेविट ने बताया कि वाशिंगटन ने अपने यूरोपीय सहयोगियों से भी रूसी तेल आयात घटाने का आग्रह किया है, जिसे उन्होंने मॉस्को के युद्ध-वित्तपोषण चैनलों के खिलाफ एक पूर्ण दबाव अभियान बताया। अमेरिकी प्रशासन पिछले कुछ दिनों से दावा कर रहा है कि भारत ने रूस से तेल आयात में उल्लेखनीय कमी लाने का आश्वासन दिया है।

भारत हालांकि लगातार यह कहता रहा है कि उसकी ऊर्जा नीति उसके राष्ट्रीय हितों द्वारा निर्देशित होती है विशेष रूप से यह सुनिश्चित करने के लिए कि उसके उपभोक्ताओं को सस्ती और सुरक्षित ऊर्जा आपूर्ति मिले। अमेरिका का कहना है कि रूस से कच्चा तेल खरीदकर भारत, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को यूक्रेन युद्ध के लिए आर्थिक सहायता दे रहा है।

भारत और अमेरिका के बीच बीच संबंध हाल के दिनों में तनावपूर्ण हो गए हैं, खासकर तब जब ट्रंप ने भारतीय उत्पादों पर शुल्क दोगुना, 50 प्रतिशत तक कर दिया, जिसमें रूस से तेल खरीदने पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत शुल्क भी शामिल है। भारत ने इस अमेरिकी कार्रवाई को अनुचित, अन्यायपूर्ण और अविवेकी बताया है, लेकिन कड़ा प्रतिकार नहीं किया। लेविट ने कहा कि ट्रंप ने पहले ही संकेत दिया था कि वह रूस के खिलाफ उचित और आवश्यक समय आने पर कार्रवाई करेंगे और कल वही दिन था।

लेविट ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप काफी समय से” पुतिन के प्रति नाराजगी व्यक्त करते रहे हैं क्योंकि पुतिन शांति समझौते की दिशा में पर्याप्त रुचि या पहल नहीं दिखा रहे थे। ट्रंप और पुतिन की इस वर्ष के अंत में हंगरी में बैठक प्रस्तावित थी, लेकिन अब इसे अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है। लेविट ने कहा कि दोनों नेताओं की बैठक पूरी तरह से टली नहीं है और भविष्य में किसी समय फिर हो सकती है।

प्रस्तुति: एपी भारती (पत्रकार, संपादक पीपुल्स फ्रैंड, रुद्रपुर, उत्तराखंड)

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