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मजदूरों को गुलाम बनाने वाली श्रम संहिताओं का इंकलाबी मजदूर केंद्र के नेतृत्व में श्रमिक संगठनों ने किया पुतला दहन, जुल्म नहीं बर्दाश्त करेंगे Labor organizations, led by the Inklabi Majdoor Kendra Rudrapur, burned effigies of labor codes that enslave workers. They will not tolerate oppression



रुद्रपुर (ऊधम सिंह नगर) उत्तराखंड, 23 नवंबर। केंद्र की नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली भाजपा-एनडीए सरकार द्वारा देशी विदेशी बड़े पूँजीपतियों के इशारे पर 21 नवंबर 2025 को पूरे देश में मजदूर विरोधी चार श्रम संहिताओं को लागू कर दिया है। इसके विरोध में इंकलाबी मजदूर केंद्र के तत्वावधान में मजदूरों को गुलाम बनाने वाली श्रम संहिताओं का मजदूर बस्ती विकास नगर कॉलोनी में पुतला दहन किया गया। श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने एक स्वर में चारों लेबर कोड्स को मजदूर विरोधी घोषित किया। मोदी सरकार द्वारा श्रम कानूनों को लागू करने की लड़े शब्दों में निंदा कीं। वक्ताओं ने इन्हें तत्काल निरस्त करने की मांग की।

सभा में वक्ताओं ने कहा कि चारों श्रम संहिताओं को लागू करके मोदी सरकार द्वारा मजदूरों के स्थाई नौकरी पाने, संगठित होने और हड़ताल करने के अधिकारों पर भारी चोट कर दी है। स्थाई काम पर ठेका, कैजुअल, ट्रेनिंग और फिक्स टर्म के रूप में अस्थाई और अधिकार विहीन मजदूरों को नियोजित करने हेतु मालिकों को असीमित कानूनी छूट व अधिकार दे दिए हैं। आठ घंटे कार्यदिवस के अधिकार को एक तरह से छीन लिया है। पेंशन, पीएफ, ग्रेच्युटी, ईएसआई, ग्रेच्युटी के अधिकार पर भी हमले किये गये हैं। महिला मजदूरों को रात की पाली में और खतरनाक उद्योगों में कार्य कराने की छूट देकर महिला श्रमिकों और उनके बच्चों की स्वास्थ्य, जीवन और सुरक्षा को खतरे में डाला गया है। श्रम विभाग और श्रम न्यायालयों को कमजोर और पंगु बनाने की साजिश रची गईं है। विगत डेढ़ दो सौ वर्षों के दौरान अनगिनत बलिदानों और संघर्ष के बल पर हाशिल अधिकारों पर भारी हमला बोला गया है।

एक तरफ मोदी सरकार द्वारा बड़े बड़े पूँजीपतियों के लाखों करोड़ रूपये के लोन और टैक्स माफ किये गये हैं, तो वहीं मजदूरों पर नई श्रम संहिताओं को लागू करके मजदूरों को गुलामी की जंजीरों में जकड़ने की कवायद की जा रही है। नई श्रम संहिताओं के रूप में पूँजीपति वर्ग द्वारा भारत देश के मजदूर वर्ग पर,करोड़ों मजदूरों के ऊपर राजनीतिक हमला बोला गया है। इसलिए इसका जवाब भी राजनीतिक रूप से समूचे मजदूर वर्ग को एक वर्ग के बतौर एकजुट होकर देना होगा। इसके लिए मजदूर पक्षधर सभी ताकतों को एक मंच पर आना होगा। इंकलाबी मजदूर केंद्र ऐसे प्रयास और पहल का स्वागत करता है और इस हेतु कृत संकल्प है।

कार्यक्रम में इंकलाबी मजदूर केंद्र के कैलाश, सुरेंद्र, मंगल सेन,लोकेश कुमार,एम खान,दिनेश चंद्र, सुनीता, इंटरार्क मजदूर संगठन के फिरोज, डॉल्फिन मजदूर संगठन के सुनील आदि मजदूर साथी उपस्थित थे।

जारीकर्ता - कैलाश चंद्र, शहर सचिव इंकलाबी मजदूर केंद्र, रुद्रपुर मो. 7409987150

प्रस्तुति: एपी भारती (पत्रकार, संपादक पीपुल्स फ्रैंड, रुद्रपुर, उत्तराखंड)

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