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85 प्रतिशत धनिक, कारोबारी, उद्यमी सऊदी अरब जाने को तत्पर, भारत में माहौल सही नहीं, विदेशों में भविष्य नजर आ रहा बेहतर 85 percent of wealthy people, businessmen, and entrepreneurs are eager to migrate to Saudi Arabia; the environment in India is not conducive, but a better future is seen abroad



मुंबई। भारत में कारोबार, बेहतर भविष्य की संभावनाएं बेहतर नजर नहीं आ रही हैं। सरकार तीसरी, चौथी, तेजी से बढ़ती और मजबूत होने के दावे करती नहीं थक रही। लेकिन आंकड़े ढोल की पोल निरंतर खोल रहे हैं। भारतीय कारोबारियों, उद्यमियों, व्यवसायियों और धनिकों को विदेश में बेहतर संभावनाएं दिख रही हैं। पिछले करीब 11 साल में 15 लाख से अधिक करोड़पति लोग भारत छोड़कर विदेशों में ठिकाना बना चुक हैं और करोड़ों लोग विदेश जाने की कतार में लगे हैं। भारतीय व्यवसायों का 85 प्रतिशत हिस्सा वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच सऊदी अरब को व्यापार और निवेश के लिए एक आकर्षक डेस्टिनेशन के रूप में देखता है। यह जानकारी गुरुवार को आई एक रिपोर्ट में दी गई। एचएसबीसी रिपोर्ट के अनुसार, इसके अलावा, 78 प्रतिशत भारतीय व्यवसाय अगले 6 महीनों में सऊदी अरब में अपना निवेश बढ़ाने की योजना बना रहे हैं। यह मिडल ईस्ट से बाहर मौजूद किसी भी मार्केट के मुकाबले कमिटमेंट के सबसे उच्च लेवल को दिखाता है।

सऊदी अरब में व्यापार और निवेश बढ़ाने को लेकर इंडियन बिजनेस लीडर्स मजबूत इरादा रखते हैं। यह सऊदी अरब के विजन 2030 के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य एक मजबूत, स्थिर इकोनॉमी बनने के साथ विकास के अवसरों को आकर्षक बनाना है। एचएसबीसी बैंक मिडल ईस्ट के एमईएनएटी सीईओ सेलिम केरवांसी ने कहा, ष्हमारी रिसर्च सऊदी अरब के इकोनॉमिक ट्रांसफॉर्मेसन में इंटरनेशन बिजनेस के बढ़ते विश्वास को दिखाती है।ष् रिपोर्ट ने 50 मिलियन डॉलर से 500 मिलियन डॉलर तक का सालाना रेवेन्यू जेनरेट करने वाले ऐसे 4000 बिजनेस डिसिजन मेकर्स का सर्वे किया, जो इंटरनेशल ऑपरेशन को देखते हैं। रिपोर्ट सऊदी अरब और 8 बड़े ग्लोबल मार्केट्स के बीच विस्तारित व्यापार और इन्वेस्टमेंट लिंक के इनसाइट को दर्शाती है। कुछ वर्षों में सऊदी अरब और भारत के बीच द्विपक्षीय व्यापार संबंध तेजी से आगे बढ़े हैं। भारत सऊदी अरब का दूसरा सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है, जबकि सऊदी अरब भारत का पांचवा सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है। वित्त वर्ष 2024-25 में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 41.88 अरब डॉलर दर्ज किया गया था।

सऊदी अरब में बिजनेस करने को लेकर भारतीय रेस्पोन्डेंट्स के अलग-अलग मत रहे। सर्वे में शामिल 60 भारतीय रेस्पोन्डेंट्स ने सऊदी अरब की बढ़ती अर्थव्यवस्था को इसका कारण बताया। 56 प्रतिशत रेस्पोन्डेंट्स ने आर्थिक स्थिरती की बात कही और 51 प्रतिशत रेस्पोन्डेंट्स ने सऊदी अरब की बिजनेस-फ्रेंडली पॉलिसी को एक अहम कारण बताया। एचएसबीसी इंडिया के बैंकिंग प्रमुख अजय शर्मा ने कहा कि सऊदी अरब के 2030 के विजन और भारत के विकसित भारत विजन के बीच स्ट्रैटेजिक तालमेल व्यापार और निवेश के लिए कई नए अवसरों को पेश करता है। भारतीय आईटी और टेक फर्म सऊदी अरब के डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन में योगदान दे रही हैं। जबकि हेल्थकेयर, लॉजिस्टिक्स, माइनिंग, स्टार्टअप्स को लेकर भी इंटरेस्ट बढ़ रहा है।

प्रस्तुति: एपी भारती (पत्रकार, संपादक पीपुल्स फ्रैंड, रुद्रपुर, उत्तराखंड)

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