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हिमालयी पर्यावरण संस्थान ने पूर्व निदेशक धर की पुण्य तिथि पर किया संकटग्रस्त तिमूर पौधों का रोपण, जैव विविधता संरक्षण कार्यों की दी जानकारी Himalayan Environmental Institute planted endangered Timur plants on the death anniversary of former director Dhar, informed about biodiversity conservation works



अल्मोड़ा। गोविंद बल्लभ पंत हिमालयी पर्यावरण संस्थान के पूर्व - निदेशक डा. उपेंद्र धर की पुण्य तिथि पर सूर्य-कुंज में वृहद वृक्षारोपण संस्थान के जैव-विविधता संरक्षण एवं प्रबंधन केंद्र द्वारा सूर्य-कुंज में बहुमूल्य औषधीय पादप तिमूर (जांथॉक्सिलम आर्मेटम) एवं अन्य पादप प्रजातियों का वृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं केंद्र प्रमुख डा. आई.डी भट्ट ने बताया कि पूर्व निदेशक डा. धर ने संस्थान में सूर्य-कुंज की परिकल्पना की थी। जिसका मुख्य उद्देश्य बहुमूल्य संकटग्रस्त पादप प्रजातियों का संरक्षण एवं सवंर्धन करना था। इसी उद्देश्य की पूर्ति हेतु केंद्र लगातार सूर्य-कुंज को अत्यधिक सक्षम एवं विस्तारित करने हेतु प्रयास कर रहा है। वर्तमान में सूर्य-कुंज कुल 8.5 हे0 भूमि क्षेत्र में फैला है तथा लगभग 100 से अधिक वृक्ष प्रजातियों, 90 औषधीय पादपों, 22 लाइकेन प्रजातियों, 86 ब्रायोफाइटस एवं 20 फर्न को संरक्षित कर रहा है। सूर्य-कुंज में संकटग्रस्त प्रजातियों जैसे- बरबेरीस की सैंचूरी को भी स्थापित किया जा चुका है। डा. धर को सदैव हिमालयी जैव-विविधता से अत्यधिक प्रेम एवं लगाव था। उन्होनें अपने जीवनकाल में सदैव शोध कार्यो द्वारा इन-सीटू एवं एक्स-सीटू विधियों द्वारा हिमालयी पादपों को संरक्षित करने हेतु प्रयास किए।

प्रो. सुनील नौटियाल, संस्थान निदेशक ने डा. धर को समर्पित पर्यावरणवादी, कुशल वैज्ञानिक एवं बहुमुखी प्रतिभा का धनी बताया। उन्होंने जानकारी दी कि सामान्यतः तिमूर को टिमरू भी कहा जाता है जो कि रूटेसी परिवार का सदस्य है। साथ ही, इसका हमारे जीवन में धार्मिक महत्वता भी है। वर्तमान में इसके विभिन्न भागों द्वारा उत्पादों का निर्माण कार्य हर्बल एवं फार्मास्यूटिकल कंपनियों द्वारा चल रहा है। जिसके परिणामस्वरूप यह प्रजाति आईयूसीएन के डाटा आकड़ो के आधार पर संकटग्रस्त है एवं इसको संरक्षण-संवर्धन की नित्यांत आवश्यकता है। इसी के मद्देनजर हम तिमूर प्रजाति के संरक्षण एवं संवर्धन कर रहे है। कार्यक्रम में जैव-विविधता संरक्षण एवं प्रबंधन केंद्र के वैज्ञानिकों, शोधार्थीयों, कर्मचारीयों द्वारा तिमूर के साथ विभिन्न पादप प्रजातियों का रोपण किया गया। डा. सतीश आर्य, डा. सुबोध ऐरी, डा. केएस. कनवाल, डा. आशीष पांडे, डा. रवींद्र जोशी, डा. अमित बहुखंडी, डा. कुलदीप जोशी, डा. लक्ष्मण भौर्याल, डा. पुष्पा केवलानी, डा. शाईनी ठाकुर, दीप चंद्र तिवारी, हिमांशु बर्गली समेत 70 से अधिक शोधार्थी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।


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