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मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ मजदूर अधिकार संघर्ष अभियान का राष्ट्रपति भवन कूच 13 को, मजदूरों से एकजुट सहयोग की अपील Against the anti-people policies of the Modi government, the workers' rights struggle campaign traveled to Rashtrapati Bhavan on 13, appeals for united cooperation from the workers



रुद्रपुर (ऊधम सिंह नगर) उत्तराखंड, 7 नवंबर (सू.वि.)। मजदूर अधिकार संघर्ष अभियान (मासा) की ओर से मजदूरों पर बढ़ते हमलों व देश की सार्वजनिक संपत्तियों को बेचने के खिलाफ 13 नवंबर को दिल्ली राष्ट्रपति भवन कूच करने के आह्वान के साथ देश के विभिन्न हिस्सों में व्यापक प्रचार अभियान रुद्रपुर, किच्छा, पंतनगर, से लेकर लालकुआँ, हल्द्वानी और आसपास के क्षेत्रों में मजदूर सहयोग केंद्र और इंकलाबी मजदूर केंद्र द्वारा मजदूरों के बीच व्यापक प्रचार अभियान चलाया गया।

31 अक्टूबर से रुद्रपुर के विभिन्न इलाकों में सभा, पर्चा वितरण और पोस्टरिंग हुई। सिडकुल औद्योगिक क्षेत्र में पर्चा वितरण और नुक्कड़ सभाएं की गई। इससे पहले ट्रांजिट कैंप, शिव नगर, जगतपुरा, आवास विकास, रविंद्र नगर, भदईपुरा, खेड़ा, गंगापुर रोड, भुरारानी आदि शहर के विभिन्न क्षेत्रों में और सिड़कुल की विभिन्न फैक्ट्रियों में प्रचार वाहन के साथ नुक्कड़ सभाएं की गई और पर्चा वितरण किया गया। इसके साथ ही साथ लालपुर, किच्छा, पंतनगर, लाल कुआं, हलदूचैड, हल्द्वानी आदि क्षेत्रों में भी अभियान चलाया गया।

वक्ताओं ने कहा कि जब मोदी सरकार मजदूरों को बंधुआ बनाने के लिए लेबर कोड लागू करने को पूरी तरीके से मुस्तैद है, तब देशभर के मजदूर आंदोलन के संघर्षशील 16 संगठन मजदूर अधिकार संघर्ष अभियान (मासा) के आह्वान पर 13 नवंबर को दिल्ली में मजदूर आक्रोश रैली का आयोजन कर रहा है। देश के सर्वोच्च पद पर आसीन राष्ट्रपति महोदय को ज्ञापन दिया जाएगा। 

वक्ताओं ने कहा कि सवाल सिर्फ मजदूरों को बंधुआ बनाने वाले चार लेबर कोड को वापस करने का नहीं है बल्कि मजदूरों के हित में श्रम कानूनों में परिवर्तन करने, छँटनी-बंदी को कानूनी तौर पर रोक लगाने, नीम ट्रेनी-फिक्स्ड टर्म जैसे अस्थाई नौकरियों के धंधों और संविदा आधारित रोजगार पर कानूनी प्रतिबंध लगाकर हर हाथ को सम्मानजनक काम व सम्मानजनक वेतन, सामाजिक और कार्यस्थल की सुरक्षा मुहैया कराई जाए। असंगठित क्षेत्र में कार्यरत भारी आबादी बेहद मामूली दिहाड़ी और बगैर किसी सुरक्षा प्रावधानों के खट रही है, मर रही है, इस पर रोक लगते हुए उनके रोजगार को कानूनी दर्जा देते हुए सम्मानजनक वेतन दिया जाए। देश की सरकारी व सार्वजनिक संपत्तियों को बेचना बंद हो।

मासा का मानना है कि आज के इस कठिन चुनौतीपूर्ण दौर में सभी तबके के मजदूर-मेहनतकशों को गोलबंद करके एक ऐसे सशक्त आंदोलन को खड़ा करना होगा, जो निरंतरता में जुझारू और मजदूर वर्ग के निर्णायक आंदोलन की दिशा में आगे बढ़ सके। मजदूर वर्ग के वास्तविक सम्मान की बहाली को पाने के लिए भी संघर्ष को अंतिम मुकाम तक जारी रखना होगा। अपने तात्कालिक 6 सूत्री मांग को लेकर मासा 13 नवंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान से राष्ट्रपति भवन कूच करने के आह्वान के साथ मजदूर-मेहनतकश की आवाज को बुलंद कर रहा है।

अभियान में मुकुल, दिनेश भट्ट, धीरज जोशी, दीपक सनवाल, हरेंद्र सिंह, बालम सिंह, गोविंद, भारत जोशी, असुद्दीन खान, दिनेश आर्य, राजू सिंह, दर्शन लाल, सतेन्द्र, चंदन, प्रकाश, बलकरण, राकेश आदि तमाम साथी प्रचार अभियान में शामिल रहे। -मुकुल (9412969989) मजदूर सहयोग केंद्र एवं सुरेन्द्र (7409263128) इंकलाबी मजदूर केंद्र

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