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अपनी नाकामियां ढकने के लिए संस्थाओं को बदनाम करने की बजाय भुखमरी का निदान करे मोदी सरकार - खड़गे Instead of defaming institutions to cover their failures, Modi government should diagnose hunger: Kharge



नई दिल्ली। नवनिर्वाचित भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार को भारत में भूख सूचकांक में गिरावट को लेकर केंद्र पर हमला बोला और कहा कि सरकार को संगठन को बदनाम करने के बजाय समस्या का समाधान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को भूख की समस्या का समाधान करने की दिशा में कार्य करना चाहिए। आठ वर्षो में इस मोर्चे पर बहुत धीमी प्रगति हुई है। खड़गे ने लोगों को दिवाली की बधाई देते हुए कहा कि दिवाली हार पर जीत का और अज्ञानता पर जागरूकता का पर्व है। जीवन को नई उम्मीदों और नए सपनों के साथ मनाने का अवसर है। यह शुभ अवसर आपका जीवन स्वास्थ्य, खुशी और शांति से रोशन करे।

मालूम हो कि कुछ दिन पहले केंद्र सरकार की महिला और बाल विकास मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा था कि भूख सूचकांक को मापने का पैमाना गलत है। सूचकांक की गणना के लिए उपयोग किए जाने वाले चार संकेतकों में से तीन बच्चों के स्वास्थ्य से संबंधित हैं, जो पूरी आबादी का प्रतिनिधि नहीं हो सकते। आयरलैंड और जर्मनी के गैर-सरकारी संगठनों कंसर्न वल्र्डवाइड और वेल्ट हंगर हिल्फ द्वारा जारी ग्लोबल हंगर रिपोर्ट 2022 में भारत को 121 देशों में 107 वें स्थान पर रखा गया है।

मालूम हो कि मोदी राज में नोटबंदी के बाद से भयंकर बेरोजगारी बढ़ी है। आज करोड़ों लोग बेरोजगारी के कारण भुखमरी, इलाज के अभाव और अन्य जरूरतों के लिए बेहद परेशान हैं। अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं जब किसी विषय पर रिपोर्ट जारी करती हैं तो सरकार तुरंत खंडन करते हुए संस्थाओं को ही बदनाम करने में लग जाती रही है। जबकि मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों के कारण ही आज भारत की जनता ज्यादा तबाह है।




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